विदेशियों के मुकाबले भारतीय महिलाओं में उम्र से पहले हो रही मेनोपॉज की समस्या, जानें समान्य लक्षण

What Is Menopause: आप सभी ने महिलाओं को लेकर अक्सर ये बात सुनी होगी कि उनकी जिंदगी बहुत ही कठिनाइयों से भरी हुई होती है। पीरियड्स (Periods) से लेकर प्रेगनेंसी तक समाज के सवालों से लेकर सुरक्षा संबंधी कठिनाइयों तक हर चीज में महिलाओं को बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब ये तो हुईं वो समस्याएं, जिनसे हम वखिफ हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि पीरियड्स और प्रेगनेंसी (Pregnancy) के अलावा मेनोपॉज (Menopause) भी एक समस्या है, जो महिलाओं में बहुत आम होती जा रही है। मेनोपॉज का समय हर महिला के दर्द का वो अंतिम चरण होता है, जो उनके जीवन को पूरी तरह बदल देता है। यहां चौंकाने वाली बात ये है कि भारत में महिलाएं पश्चिमी देशों की महिलाओं के मुअकबले मेनोपॉज की स्थिति में 4-5 साल पहले ही पहुंच रही हैं।
जानिए क्या होती है मेनोपॉज की समस्या
भारतीय महिलाओं के मेनोपॉज की स्थिति में जल्दी पहुंच जाने के पीछे का कारण उनका लाइफस्टाइल और खान-पान है। भारत में महिलाएं पूरे दिन भागदौड़ करती हैं और पूरे घर का ध्यान रखती हैं। लेकिन, अपनी सेहत की बारी आने पर लापरवाही कर देती हैं। यही वजह है कि भारतीय महिलाओं में कम उम्र में मेनोपॉज की समस्या हो रही है। पश्चिमी देशों में महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या लगभग 50 साल की उम्र के बाद देखने को मिलती है। आइये अब जानते हैं कि आखिर मेनोपॉज होता क्या है? मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है, जब महिलाओं को लगातार 12 महीनों तक पीरियड नहीं होते हैं। बता दें कि इस दौरान महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के पीरियड आने की प्रोसेस में काफी बदलाव आता है। यह प्रक्रिया कई सालों तक चलती है, इसमें महिलाओं के पीरियड आने का समय घटता जाता है। अगर किसी महिला को 7 दिन तक पीरियड्स आता है, तो यह समय घटकर 5 से 3 दिन हो जाता है।
भारतीय महिलाओं में जल्दी दिखती है ये स्थिति
मेनोपॉज के दौरान ब्लड फ्लो में भी काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। फिर धीरे-धीरे ये अवधि भी घटने लगती है और महिलाओं को 2-2 महीने पर पीरियड्स आने लगते हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं। इस कारण महिलाओं को शरीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्यादातर महिलाओं को उनके जीवन में 50 की उम्र तक पीरियड आते हैं, लेकिन कई महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें समय से पहले ही पीरियड आने बंद हो जाते हैं। भारत में समय से पहले मेनोपॉज आने के मामले पश्चिमी देशों से कई ज्यादा है। इस दौरान महिलाएं 40 साल की उम्र में ही मेनोपॉज की समस्या का अनुभव करती है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन की कमी भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है।
मेनोपॉज के लक्षण और सेहत पर प्रभाव
– महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज होते हैं, ऐसे में उन्हें एकदम से ठंडा पसीना आने लगता है।
– मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन कम होते हैं, जिससे वजाइना ड्राई होता है और सेक्स ड्राइव कम हो जाती है।
– महिलाओं में थकावट, चिड़चिड़ापन, उदासी आदि लक्षण भी मेनोपॉज के दौरान दिखना आम बात है।
– मेनोपॉज के दौरान वजाइनाइटिस और यूटीआई ज्यादा होता है। इसके पीछे भी हार्मोनल बदलाव ही बड़ी वजह होते हैं।
– एस्ट्रोजन कार्डियो प्रोटेक्टिव हार्मोन होता है, शरीर में इसकी कमी से हार्ट की प्रॉब्लम का खतरा होता है।
– मेनोपॉज के कारण महिलाओं में मूड स्विंग और प्रो लैप्स की परेशानी भी हो सकती है।
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