सफेद डिस्चार्ज की नेचुरल प्रोसेस बनी जी का जंजाल? जानिए किस गंभीर बीमारी का संकेत

What Causes Leucorrhoea Disease: महिलाओं में अक्सर व्हाइट डिसचार्ज (सफेद पानी) की समस्या होना बहुत आम बात होती है। यह कोई चिंताजनक बात नहीं होती है क्योंकि यह उनके प्राइवेट पार्ट से हानिकारक बैक्टीरिया को साफ करने का एक नेचुरल प्रोसेस है।महिलाओं में ये सफेद पानी आमतौर पर पीरियड्स (Periods) से 2-3 दिन पहले और बाद में निकलता है। यह सफेद रंग का चिपचिपा गाढ़ा लिक्विड जैसा होता है, जो उनके प्राइवेट पार्ट की सफाई करता है। लेकिन सफेद पानी परेशानी का सबब तब बनता है जब कुछ महिलाओं को बार-बार और बहुत ज्यादा मात्रा में सफेद पानी निकलने की समस्या होने लगती है। इस स्थिति को ल्यूकोरिया (leucorrhoea) या लिकोरिया (licorrhoea) कहते हैं, जिसमें महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से सामान्य से अधिक सफेद पानी (periods se pehle aur bad me kyo ata hai safed pani) निकलता है।
जानिए क्या है व्हाइट डिसचार्ज की समस्या (Know what is the problem of white discharge)
यह समस्या किसी भी उम्र की महिलाओं में देखने को मिल सकती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं में यह समस्या आखिर किस वजह से होती है या किन कारणों से होती है? अगर नहीं तो चलिए आज हम इस समस्या पर विस्तार से चर्चा करेंगे। डॉक्टरों की मानें तो महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से होने वाला यह डिस्चार्ज नेचर में अम्लीय (Acidic) होता है, जो संक्रमण को रोकने और योनि को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी है। हालांकि, कई बार योनि का प्राकृतिक संतुलन (Natural Balance) कुछ कारणों की वजह से बिगड़ जाता है। जिससे यह डिस्चार्ज की स्थिरता, रंग और गंध में बदलाव देखने को मिलता है। साथ ही इसकी मात्रा कम और ज्यादा होती रहती है। बता दें कि कुछ मामलों में ये स्थति किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। मेंस्ट्रुअल चक्र (menstrual cycle) के बीच वाइट डिस्चार्ज का निकलना सामान्य बात है, क्योंकि यह ओव्यूलेशन (Ovulation) का सूचक है।
सफेद पानी के बढ़ने के पीछे कई वजह हो सकती हैं (reasons behind the increase of white water)
– डूश, टैम्पोन या फेमिनिन हाइजीन स्प्रे का इस्तेमाल
– एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड जैसी दवाओं का अधिक सेवन
– बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे वेजिनोसिस (vaginosis), वजाइनल कैंडिडिआसिस (vaginal candidiasis)
– यौन संचारित संक्रमण (sexually transmitted infections) जैसे गोनोरिया (gonorrhea), क्लैमाइडिया (chlamydia), ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis), एचपीवी (HPV) आदि।
– डायबिटीज (Diabetes) और एचआईवी पॉजिटिव (HIV positive) होना
– चिंता, तनाव और अवसाद जैसी मेंटल कंडीशन
– प्राइवेट पार्ट की स्वच्छता का ध्यान न रखना
– शरीर के पीएच स्तर (pH level) में बदलाव
– शरीर में खून की कमी
– यौन संबंध बनाते समय की गयी गलतियां
– बहुत ज्यादा फास्टिंग करना
– अनहेल्दी फूड्स का सेवन
– गर्भपात (abortion)
– यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण (urinary tract infection)
– कमजोर इम्यूनिटी (weak immunity)
– यीस्ट इन्फेक्शन (yeast infection)
लिकोरिया से बचाव कैसे करें? (Leucorrhoea Treatment)
अगर सफेद पानी की ये समस्या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण हो रही है तो डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने का सुझाव दे सकता है, जिससे कि इसके कारणों का पता लगाया जा सके। इसके बाद डॉक्टर आपकी कंडीशन के अनुसार ट्रीटमेंट का सुझाव देता है। आमतौर पर डॉक्टर लिकोरिया (Leucorrhoea ) के इलाज के लिए मेट्रोनिडाजोल (Metronidazole), टिनिडाजोल (Tinidazole), क्लोट्रिमेज़ोल (Clotrimazole), फेंटिकोनाजोले (Fenticonazole), क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) जैसी दवाएं देते हैं। अगर ये समस्या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण नहीं है तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इस दौरान प्राइवेट पार्ट की हाइजीन का खास ख्याल रखना होगा।
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