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March 31, 2023

लेप्रोसी क्या है? पुराने समय से लोग इस बीमारी से जुड़े मिथकों के साथ जीने को मजबूर, जानें कितनी सच्चाई

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लेप्रोसी क्या है और इसके लक्षण बताइये?

What Is Leprosy And Some Myths About It: आपने अक्सर पुरानी मूवीज और सीरियल्स में कुष्ठ रोग के बारे में सुना होगा। पहले के लोगों का मानना होता था कि अगर वह किसी कुष्ठी मनुष्य के साथ रहेंगे या उन्हें छू भी देंगे तो उन्हें भी कुष्ठ रोग हो जाएगा। कुष्ठ रोग को अंग्रेजी में लेप्रोसी (Leprosy) कहते हैं। इस बीमारी से संक्रमित मरीजों को अक्सर छुआछूत, कोढ़ और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। लेकिन हम आपको बता दें कि कुष्ठ रोग कभी भी हाथ लगाने या छूने मात्र से नहीं फैलता है। हालांकि, यह मुमकिन है कि लेप्रोसी से पीड़ित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक रहने से परिवार के सदस्य इसकी चपेट में आ जाते हैं। लेकिन, नियमित देखभाल से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
अब हम जानेंगे क्या है लेप्रोसी? (What is loprosy)
कुष्ठ रोग एक जीर्ण संक्रमण (Chronic Infection) है, जिसका असर व्यक्ति की स्किन, आंखों, श्वसन तंत्र (Respiratory System) और परिधीय तंत्रिकाओं (Peripheral Nerves) पर पड़ता है। यह बीमारी मायकोबैक्टीरियम लैप्री (Mycobacterium leprae) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। हालांकि यह बीमारी बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं है, लेकिन मरीज के साथ लगातार संपर्क में रहने से संक्रमण का खतरा हो सकता है। अब अगर बात करें कि लेप्रोसी बीमारी फ़ैल कैसे रही है तो आप देखेंगे कि पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उसके श्वसन तंत्र (Respiratory System) से निकलने वाले पानी की बूंदों में लेप्रे बैक्टीरिया मौजूद होता है।
इस तरह ये बैक्टीरिया हवा के साथ दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंच जाता है। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पहुंच कर इन बैक्टीरिया को पनपने में करीब 4-5 साल लग जाते हैं। कई मामलों में बैक्टीरिया को पनपने में 20 साल तक का समय लग जाता है। प्राइमरी स्टेज पर लेप्रोसी के लक्षणों की अनदेखी करने से व्यक्ति अपंगता का शिकार हो सकता है। यह बीमारी संक्रामक है पर यह लोगों को छूने, साथ खाना खाने या साथ रहने से नहीं फैलता है। लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से संक्रमण हो सकता है, लेकिन मरीज़ को अगर नियमित रूप से दवा दी जाए, तो इसकी आशंका भी नहीं रहती है।
लेप्रोसी से जुड़े कुछ प्रचलित मिथक (Myths related to Loprosy)
Myth 1: कुष्ठ रोग संक्रामक होता है (Leprosy is contagious)
जैसाक कि हमने आपको बताया लोगों को लगता है कुष्ठ रोग संक्रामक है। यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में जाती है, लेकिन हमआपको बता दें कि ये इतनी आसान बीमारी नहीं है कि एक दूसरे से फैलने लगे। दरअसल, 95% वयस्कों को ये बीमारी नहीं हो सकती है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) उन बैक्टीरिया से लड़ सकती है जो इसके फैलने का कारण बनते हैं।
मिथक 2 : कुष्ठ रोग के कारण हाथ-पैर की उंगलियां गिर जाती हैं (Leprosy causes toenails to fall off)
कई लोग मानते हैं कि कुष्ठ रोग के कारण हाथ और पैर की उंगलियां गिर जाती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, बैक्टीरिया जो कुष्ठ रोग का कारण बनता है। वह उंगलियों और पैर की नसों पर हमला करता है और उन्हें सुन्न कर देता है। इस तरह इन सुन्न भागों पर जलन और कटने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। इससे इंसान को स्थायी क्षति हो सकती है।
मिथक 3: पहले के कुष्ठ रोग जैसा आज का कुष्ठ रोग नहीं है (Today’s leprosy is not like it was in the past)
लोगों का कहना है कि आधुनिक कुष्ठ रोग पहले के कुष्ठ रोग के समान नहीं है।क्योंकि कहा जाता है कि कुष्ठ रोग में इंसान के चकत्ते और पपड़ीदार परत तक होती थी, जो स्किन में सूजन तक की स्थितियों को वर्णित करता था। जिसे बहुत ज्यादा संक्रामक माना जाता था। यहां तक की इसके बारे में ये भी कहा जाता था कि ये व्यक्ति के कपड़े और कमरों से भी फैल सकता था। जबकि अब कुष्ठ रोग ऐसा नहीं रहा है।
मिथक 4: कुष्ठ रोग एक पाप का परिणाम है (Leprosy is the result of a sin)
जैसा कि हमने आपको बताया कुष्ठ रोग धीमी गति से फैलने वाले बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम लेप्राई के कारण होता है। यह किसी के व्यवहार या अभिशाप का परिणाम नहीं है। पुराने जमाने के लोग मानते थे कि ये रोग उन्हीं लोगों को होता है, जिन्होंने अपने जीवन में बुरे काम किए होते हैं। जबकि ऐसा नहीं है, आज लोगों को ये बात समझने की जरूरत है कि इस बीमारी के पीछे भी साइंस है।
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