दुनिया तेजी से बदल रही है. इंसान अब जमीन से उठ कर अंतरिक्ष तक पहुंच गया है. हालांकि, वहां स्पेस स्टेशन में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अब भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दरअसल, पृथ्वी पर हम जिस तरह से रहते हैं स्पेस में वैसे नहीं रह सकते. ग्रेविटी ना होने की वजह से स्पेस में सब कुछ बदल जाता है. सबसे बड़ी दिक्कत तरल पदार्थों के साथ होती है. नासा ने इसी का एक तोड़ निकाला है. दरअसल, नासा ने एक खास तरह का कप बनाया है जिसके अंदर से कोई भी तरल पदार्थ बाहर गिरता ही नहीं.
किस तरह का कप है ये
पृथ्वी से वैज्ञानिक जब पहली बार स्पेस स्टेशन में गए तो वहां कई दिक्कतों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि किसी भी तरल पदार्थ को वो पिएं कैसे. दरअसल, वहां ग्रेविटी नहीं होती इसलिए पानी, कॉफी या चाय का स्वरूप पृथ्वी से बिल्कुल अलग होता है. इसलिए वैज्ञानिकों को इन तरल पदार्थों को पीने में समस्या होती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, नासा के वैज्ञानिकों ने इसका तोड़ निकाल लिया है और एक शानदार कप बना दिया है.
Classic cappuccino, meet the space cup. ☕🤝
This demo shows the Capillary Beverage investigation which studies the process of drinking from specially designed Space Cups that use fluid dynamics to mimic the effect of gravity. https://t.co/xFGFTva2Bw pic.twitter.com/M7TQmIwlrC
— ISS Research (@ISS_Research) March 2, 2023
बड़ी मेहनत से बना ये कप
नासा ने ये कप एक दो दिन में नहीं बनाया, बल्कि इसे बनाने में सालों की मेहनत लगी. इस कप को कैपिलरी फ्लो एक्सपेरिमेंट के तहत बनाया गया है. इसके डिजाइन को बनाने में नासा के वैज्ञानिकों को बहुत पसीना बहाना पड़ा. ऊपर वीडियो में आप जो देख रहे हैं वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया गया एक डेमो वीडियो है. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एस्ट्रोनॉट निकोल मान के पास एक तरल पदार्थ से भरा पाउच है जिसमें कॉफी है. वो उस पाउच के पाइप के जरिए कॉफी को एक कप में डालती हैं और कप भर जाता है. यहां तक तो सब ठीक था, सबसे बड़ा खेल तब होता है जब निकोल इस कप को पलटती हैं. आप ध्यान देंगे तो पता चलेगा कि कप को उलटने पलटने पर भी कॉफी का एक भी बूंद बाहर नहीं गिरता.
इस कप के पीछे का विज्ञान समझिए
कप को बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कप की सबसे खास बात ये है कि ये सरफेस टेंशन और कप की ज्योमेट्री के भरोसे काम कर रहा है. आसन भाषा में इसे ऐसे समझिए यही सरफेस टेंशन है जो पानी को या दूसरे तरल पदार्थों को किसी चीज को गीला करने में सक्षम बनाता है.
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