May 30, 2023

Knowledge News : जानिए मच्छर मारने वाले लिक्विड में क्या होता है ऐसा, जिससे मर जाते हैं मच्छर

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Fact About Mosquito : बारिश और गर्मियों के मौसम में मच्छर न आए ऐसा होना नामुनकिन है। इन मच्छरों से हर कोई परेशान रहता है। क्योंकि ये सिर्फ काटते नहीं है बल्कि डेंगू, मलेरिया जैसी कई बीमारियां भी फैलते हैं। इसलिए आपको हर घर में इनको मरने के लिए अलग-अलग चीजे नजर आएंगी। जैसे कोई पुराने तरीके से नीम की पत्तियों से धुआं करके इन्हें भगाता है। तो वहीं कुछ लोग कॉइल, स्प्रे, क्रीम और लिक्विड जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि इनके लिए एक मशीन भी आती है जिनमें रिफिल लगा होता है। उसमें मच्छरों को मरने के लिए लिक्विड भरा होता है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि उस लिक्विड में ऐसा क्या होता है जिससे मच्छर मर जाते हैं, चलिए जानते हैं।
95 प्रतिशत से ज्यादा होता है मिट्टी का तेल
बता दें कि आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि मच्छरों को भगाने के लिए जिस बिजली वाली मशीन का इस्तेमाल किया जाता है उसके रिफिल में लिक्विड पदार्थ होता है। वह लगभग 95 प्रतिशत से ज्यादा मिट्टी का तेल का होता है। अब आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि मिट्टी का तेल सस्ता होता है तो फिर मार्केट में ये लिक्विड इतना महंगा क्यों आता है। दरअसल, इस लिक्विड में मिट्टी के तेल के अलावा भी कई और केमिकल डाले होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा बहुत कम होती है।
अन्य कौनसे पदार्थ मिले होते हैं
मच्छरों से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई घातक बीमारियों होती हैं। ऐसे में मच्छर हमारे लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। मच्छरों से बचने के लिए तैयार किए गए कई विषैले और गैर विषैले तरीकों में से Mosquito Repellents सबसे ज्यादा आर्थिक और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला उत्पाद है।
मच्छर मरने वाले लिक्विड में ये पदार्थ पाए जाते हैं
इस लिक्विड में सबसे ज्यादा मिट्टी का तेल होता है। यह पूरे लिक्विड के आयतन का लगभग 96.4 प्रतिशत होता है।
मिट्टी के तेल के अलावा इसमें ट्रांसफ़्लुथ्रिन नामक कीटनाशक भी होता है। जो इस लिक्विड का लगभग 1.6 प्रतिशत होता है।
साथ ही इसमें ब्यूटेट हाइड्रॉक्सिलोलिन भी होता है, जिसकी मात्रा 1.0 प्रतिशत होती है।
आखिर में इस लिक्विड में जो होते हैं वो बेंज़िल एसिटल, सिट्रोनेलोल और डाइमिथाइल ऑक्टैडिलीन आदि है। ये इस लिक्विड के आयतन के कुल 1.0 प्रतिशत हिस्से में होते हैं।
इन सभी को मिलाकर मिट्टी तेल में घोल दिया जाता है, ताकि ताप मिलने पर इनको आसानी से वाष्पीकृत किया जा सके। इसके बाद जब मशीन को बिजली के सॉकेट में लगाकर चालू करते हैं तो लिक्विड में पड़ी रॉड गरम होकर इसको धीरे-धीरे वाष्पीकृत करता है। जिसके बाद यह कमरे में फैल कर मच्छरों का मार देती है।
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