March 29, 2023

सावधान! मुंह में गांठ या दर्द रहता है तो हो सकता है ओरल कैंसर

wp-header-logo-1040.png

रोहतक।  डेंटल कॉलेज में ओरल पैथोलॉजी दिवस के अवसर पर सीडीई का आयोजन किया गया। 
रोहतक। डेंटल कॉलेज में ओरल पैथोलॉजी दिवस अवसर पर सीडीई का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एसएस लोहचब रहे। उन्होंने बताया कि यदि आपके होंठ या मुंह का घाव जो ठीक नहीं हो रहा हो, मुंह के अंदर एक सफेद या लाल रंग का पैच हो, मुंह के अंदर गांठ हो, मुंह में दर्द रहता है, कान में दर्द, निगलने में कठिनाई या बोलने में बदलाव हुआ हो तो सावधान होने की जरूरत है क्योंकि ये ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
डॉ. लोहचब ने इस सीडीई के आयोजन के लिए प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी और डॉ. माला कम्बोज को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ओरल कैंसर महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर गहन रिसर्च की जरूरत है। एकेडमिक अफेयर्स अशोक चौहान में ओरल पैथोलॉजिस्ट डे की शुभकामनाएं दीं। डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर कहा कि सभी विभागों को अधिक से अधिक सीएमई में आयोजित करनी चाहिए। डॉ. संजय तिवारी ने कहा कि डेंटल चिकित्सकों और ओरल कैंसर के लक्षणों की पहचान के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। ओरल और मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. माला कंबोज ने बताया कि नेशनल ओरल पैथोलॉजिस्ट डे पर आईएओएमपी के तत्वावधान में पैथोफ्रेंजी 2.0 कार्यक्रम किया गया। विभाग के सम्मानित शिक्षकों, प्रोफेसर डॉ. अंजलि नरवाल और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजू देवी के नेतृत्व में और सीनियर रेजिडेंट, डॉ. गोपीकृष्णन वी और डॉ. गीतिका के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम हुआ। आयोजन में विभाग के सभी स्नातकोत्तर डॉ. रिद्धि, डॉ. श्रेया, डॉ. शशि, डॉ. मधुर, डॉ. आकांक्षा, डॉ. जगवीर, डॉ. अजय एवं डॉ. पूजा सक्रिय रूप से शामिल थे।
सीडीई की मेजबानी के लिए प्रोत्साहित किया
डॉ. माला कंबोज ने बताया कि सीडीई में डॉ. जितिन खरबंदा, प्रोफेसर ईएसआईसी डेंटल कॉलेज, नई दिल्ली द्वारा व्याख्यान दिया। डॉ. संजय तिवारी, प्रिंसिपल पीजीआईडीएस ने सीडीई की मेजबानी के लिए विभाग को प्रोत्साहित किया। निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने केक काटने के बाद ओरल प्रीकैंसर और कैंसर के बारे में जागरूकता का एक पैम्फलेट भी जारी किया गया। दूसरा व्याख्यान डॉ. दीपिका मिश्रा, विभागाध्यक्ष, ओरल पैथोलॉजी विभाग, एम्स, नई दिल्ली का था।
प्रीकैंसर की तकनीक, ग्रॉसिंग, टिश्यू प्रोसेसिंग पर 3 कार्यशालाएं की
छात्रों के लिए ओरल प्रीकैंसर और कैंसर का पता लगाने की तकनीक, ग्रॉसिंग, टिश्यू प्रोसेसिंग और स्पेशल स्टेन पर 3 कार्यशालाएं की गईं। डॉ. माला कंबोज ने कहा कि दिन के दौरान मौज-मस्ती से भरी शैक्षिक गतिविधियां जैसे क्रॉसवर्ड, क्विज, ओरिगेमी, 3डी क्यूब पेंटिंग भी की गईं। इस अवसर पर डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. हरनीत सिंह, डॉ. अंबिका गुप्ता, डॉ. निशा मारवाह, डॉ. मीनू, डॉ. प्रोमिल, डॉ. सोनिया, डॉ. वीना और डॉ. पीएस गिल मौजूद रहे।
© Copyrights 2023. All rights reserved.
Powered By Hocalwire

source