कोरोना वायरस ने अब तक कितनी बार बदला रंग? जानिए कैसे और क्यों रखा गया नए वेरिएंट का नाम बीएफ.7

Why is the new variant of SARS-CoV-2 named BF.7: कोरोना (Coronavirus) के ओमीक्रोन (Omicron Subvariant) वेरिएंट का सब-वैरिएंट BF.7 चीन (China) में कोहराम मचाने के साथ ही बहुत ज्यादा चर्चा में आ गया है। दुनिया भर में कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे हैं और कथित तौर पर चीन में महामारी के मामलों में भारी वृद्धि हो रही है।कोरोना वायरस के BF.7 सब-वेरिएंट ने भारत में चार लोगों को संक्रमित कर दिया है जो शुक्रवार यानी 23 दिसंबर सुबह तक रिपोर्ट किये गए थे। हालांकि देश के प्रमुख वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और सरकार का कहना है कि भारत (India) में इस नए वेरिएंट के फैलने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है, लेकिन चीन में बड़े पैमाने पर कोरोना मामले दर्ज होने के बाद लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
बीएफ.7 वेरिएंट क्या है?
कोरोना फैलने की इन सभी आशंकाओं, चिंताओं और आश्वासनों के बीच, क्या आप जानते हैं कि वेरिएंट को बीएफ.7 नाम कैसे मिला? दरअसल, कोरोना वायरस जो पिछले तीन वर्षों से हमारे जीवन पर कहर बरपा रहा है, यह लगातार विकसित हो रहा है और अपने रूप में बदलाव कर रहा है। वायरस मियूटेट होकर अपने नए वेरिएंट और सब-वेरिएंट बना रहा है। अल्फा, बीटा और डेल्टा से लेकर ओमिक्रॉन तक, ग्रीक अक्षर हैं जो वायरस का नामकरण करते हैं।
BA.5.2.1.7, जिसे BF.7 भी कहा जाता है, डब्लूएचओ (WHO) के मुताबिक BF.7 को अक्टूबर 2022 में यूएसए में पांच प्रतिशत से अधिक मामलों और यूके में 7.26 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके मामलों की अब तक बेल्जियम, डेनमार्क, नॉर्वे, फ्रांस, जर्मनी और मंगोलिया में सूचना दी गई है। इसके साथ ही चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में भी इसके केस देखने को मिले हैं।
कितना खतरनाक है नया BF.7 वैरिएंट?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, BF.7 सब-वेरिएंट में न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि एक वैक्सीनेटड या संक्रमित व्यक्ति की एंटीबॉडी में सारस-सीओवी-2 के पहले वेरिएंट की तुलना में BF.7 को नष्ट करने की संभावना कम थी। हालांकि, तब से कई सब वेरिएंट बने हैं, और इन अधिकांश मियूटेशन के किसी न किसी रूप में सिम्टोमेटिक या असिमटोमेटिक रूप से सामने आए हैं। इसलिए, भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ भारत को BF.7 के सबसे बुरे प्रभाव से बचा सकती है।
अन्य वेरिएंट को दिया गया था ये नाम
यूनाइटेड किंगडम में कोविड-19 महामारी के दौरान पहली बार अक्टूबर 2020 में पाए गए वेरिएंट B.1.1.7 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अल्फा नाम दिया गया था। यह पहला वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन (VUI) था। अगला वेरिएंट 501.V2 था जो दक्षिण अफ्रीका में शुरू हुआ और पहली बार 18 दिसंबर, 2020 में लोगों के सामने आया था। यह वेरिएंट B.1.351 का था और इसे बीटा नाम दिया गया था। गामा वेरिएंट जनवरी 2021 में लोगों के सामने आया था। डेल्टा वेरिएंट – जिसे B.1.617.2 के रूप में जाना जाता है, इसे पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में खोजा गया था। वहीं, 26 नवंबर 2021 को, WHO ने वैरिएंट B.1.1.529 को चिंता के एक प्रकार के रूप में नामित किया और इसे ओमिक्रॉन का नाम दिया।
© Copyrights 2021. All rights reserved.
Powered By Hocalwire