ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका, बीरभूम हिंसा में CBI जांच के आदेश

नई दिल्ली. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम हत्याकांड में CBI जांच के आदेश दिए हैं। इससे ममता सरकार को झटका लगा है। CBI को 7 अप्रैल तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। इससे पहले SIT इस मामले की जांच कर रही थी। बुधवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड को बर्बर करार दिया था। कोर्ट में पेश किए गए सभी 20 आरोपियों का केस लड़ने से वकीलों ने इनकार कर दिया। बता दें कि बीरभूम के रामपुरहाट में TMC नेता भादू शेख की हत्या के बाद 10 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
TMC नेता की हत्या के बाद हुई हिंसा
बीरभूम के रामपुरहाट में TMC के भादू शेख की हत्या के बाद यह पूरा मामला शुरू हुआ था। शेख की हत्या के गवाह रहे तृणमूल कार्यकर्ता ललन शेख के मुताबिक, 10-12 बदमाशों का एक गिरोह बाइक पर आया था। उन्होंने बरशाल ग्राम पंचायत के उप प्रमुख पर बम फेंक दिया। उस वक्त वह अपने स्कूटर पर बैठकर फोन पर बात कर रहा था।
इस घटना के कुछ घंटों बाद ही भीड़ बागतुई पहुंची और हत्याकांड को अंजाम दिया। भादू बागतुई पश्चिमपारा का रहने वाला था और उसके हमलावर बागतुई पुरबापारा के थे। भादू के भाई बाबर की भी एक साल पहले हत्या कर दी गई थी।
वकीलों से केस लड़ने से किया इनकार
कोलकाता हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड को बर्बर करार दिया है। बुधवार को कोर्ट में पेश किए गए सभी 20 आरोपियों का केस लड़ने से वकीलों ने इनकार कर दिया। रामपुरहाट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौविक डे ने पकड़े गए 10 आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है। बाकी 10 को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस हिरासत में भेजे गए 10 लोगों में आजाद चौधरी, इंताज शेख, माफिजुल शेख, असीम शेख, रुस्तम शेख, रोहन शेख, नयन दीवान, माफिउद्दीन शेख, नजीर हुसैन और तौसीब शेख का नाम शामिल है।
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