जयपुर। प्रदेश के बारां जिले के भूलोन गांव में बीते दिनों स्वर्ण समाज के लोगों द्वारा दलित युवकों के साथ की गई मारपीट से आहत होकर 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म को छोड़ दिया। इन परिवारों ने हिंदू धर्म का त्याग करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया। इन लोगों ने अपने घरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को बैथली नदी में विसर्जित कर दिया। यहां दलितों का राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश भी जमकर फूटा।
समाज ने राष्ट्रपति तक लगाई न्याय की गुहार
पीड़िता परिवारों ने राज्य सरकार के खिलाफ भी आक्रोश जताया और आरोप लगाया कि 15 दिन पहले मां दुर्गा की आरती करने पर सवर्णों ने दलित समुदाय के दो युवकों के साथ मारपीट की थी। समाज ने राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई, लेकिन मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह पूरा मामला छबड़ा क्षेत्र के भूलोन गांव का है।
मां दुर्गा की आरती करने पर दलित युवकों को पीटा
जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने बताया कि भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को दलित समुदाय के युवकों राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की आरती का आयोजन किया था। इन युवकों से राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने मारपीट की थी।
निकाली आक्रोश रैली
समाज द्वारा राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई परंतु पुलिस द्वारा सरपंच प्रतिनिधि के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। प्रशासन से प्रताड़ित परिजनों और ग्रामीणों ने शुक्रवार को गांव से गली-मोहल्लों से होती हुई आक्रोश रैली निकाली गई।
SDM ऑफिस पर प्रदर्शन की चेतावनी
बालमुकंद बैरवा ने चेतावनी दी कि अगर मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो छबड़ा SDM ऑफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था ठप होने और दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ने के आरोप लगाए। इस दौरान रमेश मेराठा, बद्रीलाल बैरवा (छीपाबड़ौद), छीतरलाल बैरवा, पवन, रामहेत बैरवा, महेंद्र मीणा (तुर्कीपाड़ा) आदि मौजूद रहे।
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