March 23, 2023

Swara Bhaskar: ट्रोलर्स ने भैया से सईया तक के सफर के लिए स्वरा को दी बधाई, जानिए क्या है Special Marriage Act

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Swara Bhaskar and Fahad Ahmad: बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अक्सर अपने ट्वीट्स को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन हालही में एक्ट्रेस अपनी शादी को लेकर लाइम लाइट में बनी हुई हैं, बता दें कि एक्ट्रेस ने 16 फरवरी 2023 को समाजवादी पार्टी के फहद अहमद के साथ में शादी का ऐलान किया था। तभी से एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और उनके पति फहद दोनों को ही सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोलिंग के पीछे की वजह भी स्वरा भास्कर खुद ही हैं, दरअसल कुछ वक्त पहले फहद अहमद के बर्थडे पर स्वरा भास्कर ने उन्हें विश किया था और उन्हें भाई कह दिया था। इस बात को यूजर्स स्वरा और उनके पति दोनों को ही खरी-खोटी सुना रहे हैं।
स्वरा भास्कर ने 2 फरवरी को फहाद को भाई बोलकर जन्मदिन की बधाई दी थी

स्वरा भास्कर ने 16 फरवरी को फहाद को अपना शौहर बना लिया.

जिसे भाई बोलती थीं, उससे स्वरा भास्कर ने शादी की है.

शादी की बधाई @ReallySwara #swarabhaskar pic.twitter.com/KZWpoVwAeT
स्वरा भास्कर को बुरी तरह किया जा रहा ट्रोल

इस मामले में कुछ यूजर्स बोल रहे हैं कि तुमने भैया को अपना सईया बना लिया। जिसपर फहद अहमद ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्रोल करने वालों को करा जवाब दिया है। फहद अहमद ने ट्विटर पर लिखा, संघियों ने यह तो माना, हिंदू-मुस्लिम भाई बहन हो सकते हैं। इतना और मान लो पति-पत्नी भी मजाक कर सकते हैं। फहद ट्वीट के जवाब में एक यूजर ने वीडियो पोस्ट किया, जिसमें मौलाना को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि, अगर कोई लड़की मुस्लिम नहीं है और उसने बिना धर्म परिवर्तन किये मुस्लिम लड़के से शादी की है, तो हमारी नजरों में ये शादी नाजायज है। इस वीडियो के कैप्शन में यूजर ने लिखा, इन मौलाना ने तो आपके रिश्ते को एक नया नाम दिया है।
Jokes a part

संघियों ने यह तो माना

हिन्दू-मुस्लिम भाई बहन हो सकते है

बस यह और मान लो पति पत्नी मज़ाक़ भी कर सकते है……
जानिए स्पेशल मैरिज एक्ट क्या है

बता दें कि स्वरा भास्कर और फहद अहमद की शादी से एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। इस मामले के कारण स्पेशल मैरिज एक्ट भी सुर्खियों में आ गया है। Special Marriage Act 1954 सिविल मैरिज कानून है, जो धर्म नहीं बल्कि राज्य को विवाह कराने का अधिकार देता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि मुस्लिम मैरिज एक्ट 1954 और हिंदू मैरिज एक्ट 1955 इसी कानून के तहत आते हैं, जिन्हें पर्सनल लॉ कहा जाता है। लेकिन इस कानून में समस्या यह है कि दोनों में से किसी को या तो हिंदू धर्म अपनाना होगा या फिर मुस्लिम धर्म। क्योंकि इस कानून के तहत जिस भी धर्म के रस्मों-रिवाजों के साथ शादी होगी। उसकी पहली शर्त यही है कि दोनों लोगों को किसी एक धर्म को चुनना पड़ता है।
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