Auto Brewery Syndrome: इस बीमारी में बिना शराब पिए नशे में धुत रहता है इंसान, जानें इसकी वजह

What Is Auto Brewery Syndrome: दुनिया भर में आजकल शराब पीना काफी आम सी बात हो गई है, कई जगहों पर तो शराब का सेवन लोग क्लासी दिखने के लिए भी करते हैं। शराब को लेकर भी 3 तरह के लोग होते हैं। पहले वो जो बहुत हैवी ड्रिंकर होते हैं या यूं कहें की शराबी होते हैं। दूसरे नंबर पर वो आते हैं जो ओकेजनली ड्रिंक करते हैं, यानी की कभी-कभी ड्रिंक कर लेते हैं। फिर आते हैं तीसरे और आखिरी जो शराब नहीं पीते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे इंसान को देखा है जो शराब बिना पिए ही शराब के नशे में धुत रहते हैं। सुनकर थोड़ा अजीब लगता है कि बिना शराब पिए नशा कैसे हो सकता है। लेकिन यही सच है, दरअसल यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है।
जानिए किस बीमारी में बिना शराब पिए इंसान को हो जाता है नशा
इस गंभीर बीमारी का नाम Auto Brewery Syndrome है। इस बीमारी में बिना शराब पीए ही इंसान नशे में रहता है, क्योंकि इस बीमारी का शिकार हुए लोगों का शरीर खुद ही एल्कोहल बनाने लग जाता है। जिसका नतीजा ये होता है कि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति धीरे-धीरे अपना मानसिक और शारीरिक संतुलन खो देता है। असल में ये ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम होने का सबसे बड़ा कारण चिंता और डिप्रेशन ही होता है।
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम मरीज के शरीर में कार्बोहाइड्रेट एल्कोहल यानी ethanol का excretion बढ़ा देता है। ऐसे में जब भी मरीज कार्बोहाइड्रेट ज्यादा लेता है, उसके शरीर में इथेनॉल की मात्रा बढ़ जाती है। ये इथेनॉल आंतों में जमा हो जाता है और इससे आंत में ज्यादा मात्रा में yeast जमा हो जाता है। जिस वजह से यीस्ट के साथ मिलकर खाने की चीजें एल्कोहल बनने लगती हैं।
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम के कारण क्या हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब लंबे समय तक शरीर में इथेनॉल का एक्सक्रीशन होने की वजह से एल्कोहल धीर-धीरे मरीज के पूरे शरीर में ब्लड के जरिए घुल जाती है और मरीज हमेशा नशे में रहता है। इसके कारण:-
कैनडीडा अल्बिकन्स Candida albicans
कैंडिडा ग्लबराटा Candida glabrata
टोरुलोप्सिस ग्लबराटा Torulopsis glabrata
कैंडिडा क्रूसि Candida krusei
कैंडिडा केफिरो Candida kefyr
शराब बनाने वाला ईस्ट Saccharomyces cerevisiae
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम के लक्षण क्या है
इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को बिना शराब पीये भी नशे में धुत होने की फीलिंग आती है। इस बीमारी में व्यक्ति को वो चीजें खाने की इच्छा होती है, जिससे उन्हें हैंगओवर से आराम मिल सकता है।
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम से ग्रस्त व्यक्ति में दिखने वाले वो लक्षण, जो नशा करने के बाद आते हैं। जैसे:-
स्किन लाल होना
चक्कर महसूस होना
भटकाव
सिरदर्द होना
उल्टी होना
डिहाइड्रेशन
ड्राई माउथ
डकार आना
थकान महसूस होना
बाते याद नहीं रहना
मनोदशा में बदलाव होना।
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम का इलाज कैसे करें
इस सिंड्रोम से ग्रस्त व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। इसकर अलावा:-
– चीनी का जितना हो सके कम मात्रा में सेवन करें।
– कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन खाने से बचें।
– शराब बिल्कुल ना पिएं।
– मीठे खाद्य पदार्थों और साधारण कार्ब्स से भी बचाव करें।
– सफेद ब्रेड और पास्ता, सफेद चावल, रिफाइंड आटा, आलू के चिप्स, कोल्ड-ड्रिंक्स, फलों का जूस आदि का सेवन करने से बचें।
ऑटो ब्रूवरी सिंड्रोम में व्यक्ति को नशा जैसा अनुभव होता है। अगर आपको इस तरह की परेशानी है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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