Knowledge News: आखिर क्यों कीबोर्ड में दाईं तरफ होते हैं दोनों Enter बटन, जानिए इसके पीछे का तर्क

Knowledge News : आजकल टेक्नोलॉजी भरी दुनिया में बहुत सी चीजें लोगों के लिए आसान हो गई है। फोन, कंप्यूटर और लैपटॉप जैसी चीजों के आने से आप कहीं भी रहकर अपने काम को आसानी से कर सकते हैं। इसके साथ ही इन सबको आप आसानी से कहीं भी लेकर जा सकते हैं। कंप्यूटर और लैपटॉप को चलाते हुए अपने अक्सर उसके कीबोर्ड को बहुत ध्यान से देखा होगा। आपने देखा होगा कि Shift, Ctrl जैसे कई बटन ऐसे होते हैं, जो दाएं और बाएं दोनों तरफ दिए होते हैं। इन्हीं में एक बटन ऐसा है, जो दिया तो दो बार गया है, लेकिन ये दोनों ही राइट साइड पर होते हैं। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है चलिए जानते हैं।
ये तो आप सब बहुत अच्छे से जानते होंगे कि कीबोर्ड के पहले लोग टाइपराइटर का इस्तेमाल किया करते थे। उस समय टाइपराइटरों में कैरिज रिटर्न के लिए सिर्फ एक कुंजी थी। इसके बाद जब कंप्यूटर का आविष्कार किया गया, तो इसी डिजाइन को अपनाया गया और कीबोर्ड में सिर्फ एक एंटर कुंजी को जोड़ा गया। वक्त के साथ-साथ कंप्यूटर का इस्तेमाल कई कामों में किया जाने लगा। ऐसे में काम में तेजी लाने के लिए दस्तावेजों, फाइलों और प्रोग्राम को जल्दी से नेविगेट करने की जरूरत होती थी। इसके लिए कंप्यूटर में दूसरी एंटर कुंजी के विकास की आवश्यकता हुई, जिसे आज लोग न्यूमेरिक की-पैड एंटर कुंजी के रूप में जानते हैं।
बता दें कि इस न्यूमेरिक की-पैड एंटर को संख्यात्मक इनपुट के साथ इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया। इसका उपयोग लोग नंबर को लिखते समय या स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते वक्त और ऑनलाइन फॉर्म को भरते समय डेटा की पुष्टि या सबमिट करने के लिए करते हैं। वहीं दूसरी ओर, मैन एंटर कुंजी मुख्य कीबोर्ड पर ही बनी हुई होती है। इसका उपयोग कमांड को एक्जीक्यूट करने के लिए किया जाता है। टाइपिंग करते समय भी इसी बटन का इस्तेमाल होता है। बता दें कि कीबोर्ड पर दो एंटर बटन का एक ही साइड पर होना कोई दुर्घटना नहीं है। बल्कि यह एक सोचा समझा डिजाइन है, जिसको कंप्यूटर यूजर्स की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है। कीबोर्ड के एक ही तरफ दोनों बटन का होना भ्रम पैदा कर सकता है, लेकिन इन बटन को अलग-अलग काम के लिए बनाया गया है।
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