Knowledge News : रबर वाली चप्पल को 'हवाई चप्पल' क्यों कहा जाता है, जानिए इसके पीछे की कहानी

हवाई चप्पल (hawai chappal) के नाम से आप सभी वाकिफ हैं। रबर की ये चप्पल आपको भारत के हर घर में देखने को मिल जाएंगा। यहां तक कि ये चप्पल तो बहुत बार सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुकी है। कई बार तो इस पर मीम भी बन जाते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी ये सोचा है कि इस रबर से बनी हुई चप्पल का नाम हवाई चप्पल ही क्यों पड़ा। आखिर क्यों लोग इसे हवाई चप्पल के नाम से ही जानते हैं। अगर आप भी इस के बारे में जानना चाहते हैं तो पढ़िए हमारा आज का ये आर्टिकल।
क्यों कहते हैं हवाई चप्पल
इसे हवाई चप्पल क्यों कहा जाता है, ये जानने के लिए हमें इस चप्पल के इतिहास में जाना होगा। ऐसा कहा जाता है कि अमेरिका के हवाई आइलैंड में एक खास तरह का पेड़ मिलता है, जिसका नाम ‘टी’ है। इसी पेड़ से निकले हुए रबर का इस्तेमाल करके जो फैब्रिक तैयार किया जाता था, उसी से पहली बार इस चप्पल को बनाया गया था। यही वजह है कि इसे हवाई चप्पल कहा जाने लगा। हालांकि, इस विषय में दूसरा तर्क भी दिया जाता है कि आज से कई सालों पहले जब अमेरिका के इस आइलैंड पर जापान के मजदूर काम करने आए थे, तो उन्होंने एक अजीब तरह की रबर की चप्पल पहनी हुई थी, जिसे देखकर हवाई की कुछ कंपनियों ने इसी तरह के चप्पल का निर्माण करना शुरु कर दिया। फिर इसे जब हवाई से बाहर बेचा गया तो इसे हवाई चप्पल कहा जाने लगा।
‘हवाइनाज’ से बना हवाई चप्पल
ऐसा कहते हैं कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद जब चप्पल पूरी दुनिया में पहुंची तो इसका श्रेय ब्राजीलियन शू-ब्रांड कंपनी ‘हवाइनाज’ को दिया गया। इसके बाद साल 1962 में हवाईनाज कंपनी ने ही सबसे पहले सफेद और नीले रंग के नीली स्ट्रिप वाली हवाई चप्पलें बनाईं। उस समय से हवाई चप्पल पूरी दुनिया में नीली सफेद चप्पल के रूप में लोकप्रिय हो गई। अब यही वह चप्पल है, जो आज भारत के हर घर में पाई जाती है।
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