Letters in English: इंग्लिश आती है? अंग्रेजी में बात कर लोगे? अच्छा! ये अपने बारे में अंग्रेजी में बताओ. ये कुछ ऐसे सेंटेंस है, जिसे आस-पास अक्सर आदमी सुन लेता है. ऑफिस में, घर पर या किसी से मिलते वक्त. अगर आप भी इसके चलते अंग्रेजी सीखने की सोच रहे हैं तो यह अच्छी बात है. एक से अधिक भाषा का ज्ञान व्यक्ति के पास होना चाहिए. इससे उसे सफलता के नए मार्ग मिल सकते हैं. खैर! इंग्लिश सीखने से पहले एक सवाल का जवाब दीजिए कि अंग्रेजी में अभी जो 26 लेटर होते हैं. क्या वह शुरू से होते थे? या फिर उसमें बाद में कोई बदलाव किया गया और संख्या कम-अधिक कर दी गई. आज की स्टोरी में हम यही जानेंगे.
अंग्रेजी में लेटर 26 या 27?
अभी तक आपने बचपन से इंग्लिश में 26 लेटर के बारे में पढ़ा होगा, जो A से Z तक होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले कुल 27 लेटर हुआ करते थे. 1835 तक ‘&’ लेटर को 27 वें लेटर के रूप में गिना जाता था. इसको मिलाकर ही एक इंग्लिश का वर्णमाला तैयार होता था. लेकिन 1835 में अंग्रेजी वर्णमाला में बदलाव किया गया और ‘&’ अक्षर को हटाकर इंग्लिश में 26 लेटर को परमानेंट कर दिया गया. तभी से 26 लेटर पढ़ने की स्टोरी शुरू हो गई. आज भी स्कूल और कॉलेजों में यह बात बताई जाती है. अब जब आपसे कोई यह सवाल पूछे कि क्या शुरू से ही इंग्लिश में इतने लेटर हुआ करते थे. तब आप खुलकर जवाब दे सकते हैं.
इन दो लेटर में है खासियत
अंग्रेजी वर्णमाला को लिखने के दो तरीके होते हैं. पहला होता है कैपिटल लेटर और दूसरा है स्मॉल लेटर. यदि हम Small Latters की बात करें तो ये सभी अक्षर कुछ इस प्रकार से बनाए गए हैं कि उन्हें लिखने के लिए पेन को उठाना नहीं पड़ता है, लेकिन इनमें अक्षर आई (i) और जे (j) दो ऐसे अक्षर हैं, जिन्हें लिखने के लिए आपको पेन को उठाना ही पड़ता है. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि i और j को लिखते समय इनके ऊपर वाली बिंदी के लिए आपको पेन उठाना ही पड़ेगा. कहा जाता है कि लैटिन भाषा से डॉट का इजाद हुआ था. लैटिन में इस टाइटल यानि डॉट को ‘टिटुलुस’ कहा जाता है. लैटिन मैन्यूस्क्रिप्ट में सब्जेक्ट लिखते समय आस पास के शब्दों को i और j से अलग दिखाने के लिए इनपर डॉट लगाई थी.
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