March 23, 2023

Knowledge News : आखिर लोग गुस्से में क्यों पटकते हैं दरवाजे, जानिए इसके पीछे का विज्ञान

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आखिर लोग गुस्से में क्यों पटकते हैं दरवाजे।
Knowledge News: इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसे गुस्सा नहीं आता होगा। आपने बहुत बार देखा होगा कि जब भी किसी को गुस्सा आता है तो वह शख्स जोर से अपने घर के दरवाजों को बंद करता हैं। एक तरह से अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा गुस्सा अगर किसी को झेलना पड़ता है तो वो घरों के दरवाजे ही होते हैं। छोटे बच्चे से लेकर बड़ों तक ज्यादातर लोग गुस्सा होने पर अपनी भड़ास दरवाजे को जोर से भिड़ा कर निकालते हैं। इसके बाद आपने देखा होगा कि थोड़ी देर में गुस्सा कम भी होते हुए महसूस होने लगता है। आखिर इसके पीछे का कारण क्या होता है चलिए जानते हैं।
इसलिए लोग जोर से दरवाजा पटकते हैं
कुछ वैज्ञानिकों ने इसकी वजह को डोरवे इफेक्ट नाम दिया है। अगर हम विज्ञान की माने तो एक तरह का वेंटिंग इफेक्ट होता है और ऐसा करने से कई बार गुस्सा कम हो जाता है। इसके साथ ही गुस्सा कम होने की एक वजह यह भी मानी जाती है कि जब तक हम एक से दूसरे दरवाजे तक पहुंचते हैं, तो पुरानी याद थोड़ी कमजोर होने लगती है और इसका असर गुस्से पर भी देखने को मिलता होता है। इसका मतलब यह है कि जैसे ही कमरे से होते हुए दरवाजे तक पहुंचकर उसे पार करते हैं तो पुरानी चीजें भूल जाते हैं। हालांकि आपको बता दें कि यह बहुत थोड़े समय यानि सिर्फ कुछ सेकंड्स के लिए ही होता है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि गुस्सा कम होने लिए इतना समय काफी होता है। बहुत से मनोवैज्ञानिक इसे डोर इफेक्ट या डोर थ्रेशहोल्ड थ्योरी कहते हैं।
जगह बदलने पर इमोशंस बदल जाते हैं
जब इस बारे में स्टडी की गई तो यह पाया गया कि लोग एक से दूसरे कमरे में आने के लिए दरवाजे को पार करते हैं तो कुछ देर के लिए पहले वाले कमरे की याद धुंधली हो जाती है। ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी ने भी डोरवे इफेक्ट पर रिसर्च की थी। एक मनोवैज्ञानिक के मुताबिक इस शोध में असल कमरों के अलावा वर्चुअल कमरे भी जोड़े गए थे। उन सबका परिणाम भी वैसा ही था। यही कारण है कि स्ट्रॉन्ग इमोशन जगह बदलने पर हल्का हो जाता है। इसलिए आपने देखा होगा कि डॉक्टर कई बार अपने तनाव या डिप्रेशन के मरीजों को हवा-पानी बदलने की सलाह देते हैं।
गुस्सा आने पर तेज से दरवाजा बंद करने की एक वजह यह भी है कि उस दरवाजे से जो आवाज होती है, वो दिमाग को संतुलित करने में मदद करती है। आमतौर पर डोर स्लैमिंग टीनएज के लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है।
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