H3N2 Virus: कोरोना वैक्सीन इन्फ्लूएंजा वायरस पर कितनी असरदार, जानिए डॉक्टरों की राय

कोरोना वैक्सीन H3N2 पर कितनी कारगर है।
Corona Vaccine Effect On H3N2 Virus: पिछले कुछ समय में कोरोना वायरस महामारी के मामलों कम होने लगे थे, लेकिन फिर मौसम में बदलाव के साथ एक नए वायरस H3N2 ने हम सभी की जिंदगियों में दस्तक दे दी। बता दें कि H3N2 वायरस इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है। जब कोई भी इंसान इस वायरस से संक्रमित होता है तो उसके अंदर फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। रोगी को तेज बुखार, खांसी-जुकाम, थकान और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इस वायरस ने बहुत तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू किया है, जिस वजह से एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि कोरोना वायरस और H3N2 के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस से बचाव के लिए लोगों को निगरानी और सावधानी दोनों ही बरतने की जरूरत है।
क्या कोरोना वैक्सीन करेगी H3N2 से बचाव
अब क्योंकि इन दोनों ही वायरस के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं, तो लोगों के मन में कुछ सवाल उठना लाजमी है। हम सभी के दिमाग में आने वाला सबसे पहला सवाल शायद यही होगा कि क्या कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगवाई गई वैक्सीन H3N2 से भी बचाएगी। इस सवाल का जवाब कई मीडिया चैनलों ने मशहूर डॉक्टरों के हवाले से दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगी वैक्सीन आपको H3N2 से नहीं बचाएगी। क्योंकि ये दोनों ही वायरस एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। जब कोई वैक्सीन बनाई जाती है, तो उस वायरस की प्रकृति और वह कितना फैल रहा है यह सब देखकर बनाई जाती है। अब क्योंकि ये दोनों काफी अलग हैं, इसलिए इस इन्फ्लूएंजा वायरस पर कोरोना वैक्सीन बिल्कुल असर नहीं करती है।
डॉक्टरों की मानें तो इन्फ्लूएंजा वायरस पर कोरोना की कोई भी वैक्सीन काम नहीं करती। अगर लोग मानते हैं कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के साथ ही बूस्टर डोज भी ले ली है तो ये वायरस उन पर असर नहीं करेगा तो ऐसा सोचना गलत है। इन्फ्लूएंजा वायरस की वैक्सीन अलग होती है और यह भारत में मौजूद है। जानकारी के लिए बता दें कि सीजनल इन्फ्लूएंजा वैक्सीन आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में लगानी शुरू की जाती है।
किन लोगों में फैलता है ये वायरस
डॉक्टरों के मुताबिक, H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और हल्का म्यूटेशन है इससे जान का खतरा नहीं है, लेकिन अगर किसी रोगी को दो या उससे ज्यादा बीमारियां हैं तो मौत की संभावना बढ़ जाती है। H3N2 वायरस का खतरा बच्चों और बुजुर्गों में सबसे ज्यादा है, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कम होती है। जिन लोगों को अस्थमा, हृदय रोग, डायबिटीज, मोटापा और कमजोर इम्यूनिटी की समस्याएं होती हैं, उनका बीमार होने का खतरा भी ज्यादा होता है। गर्भवती महिलाओं में भी इस बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा होता है, बता दें कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। ऐसे में आपको घर के बच्चों और बुजुर्गों की एक्स्ट्रा केयर करने की जरूरत होगी।
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