March 29, 2023

कोटा आकर पढ़ना चाहती थी, 30 साल बाद मां के रूप में आई, बेटी को डॉक्टर और बेटे को बनाया इंजीनियर

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कोटा. कॅरियर सिटी कोटा सिर्फ शहर ही नहीं प्रेरणा है। एक ऐसा डेस्टिनेशन जहां हर स्टूडेंट आकर अपना कॅरियर बनाना चाहता है। करीब 4 दशक की मेहनत के बाद देश-दुनिया में नाम कमाने वाला कोटा अब दूसरी पीढ़ी तैयार कर रहा है। कोटा पढ़ चुके या इच्छा रखने के बावजूद कोटा नहीं पढ़ सके स्टूडेंट्स अब अपने बच्चों को कोटा ला रहे हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण जेईई-मेन जनवरी सेशन के रिजल्ट के दौरान माधवी शिंदे के रूप में सामने आया। माधवी मूलत: महाराष्ट्र की निवासी हैं और पिछले सात साल से कोटा में हैं। अपने बेटे-बेटी का कॅरियर बनाने के लिए यहां रह रही हैं। मां के साहस, समर्पण और सपना ही है कि बेटी स्मृति शिंदे का सलेक्शन नीट में हुआ और वर्तमान में मेडिकल कॉलेज चन्द्रपुर से एमबीबीएस कर रही है। वहीं बेटे ध्न्येश शिंदे ने जेईई-मेन 2023 के जनवरी सेशन के परिणाम में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है। जेईई-एडवांस्ड की तैयारी कर रहा है।
यहां कॅरियर बेटे-बेटी का बन रहा है लेकिन सपना मां का भी पूरा हो रहा है, क्योंकि माधवी स्वयं साइंस स्टूडेंट रही हैं और कोटा आकर पढ़ना उनका 30 साल पूरा सपना रहा है। जब बेटे का रिजल्ट आया और उसने जेईई-मेन में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया तो उन्होंने बताया कि मैं स्वयं तीस साल पहले कोटा आकर पढ़ाई करना चाहती थी। पारिवारिक परिस्थितियों के चलते संभव नहीं हो सका लेकिन उन्होने अपने दोनों बच्चों को कोटा में एलन में कोचिंग करा खुद की इच्छा को पूरा किया।
ध्न्येश की मां माधवी शिंदे ने बताया कि वे मूलत: छत्तीसगढ़ में रायपुर निवासी हैं। जब मैं पढ़ती थी तो छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का ही भाग था। राज्य का गठन नहीं हुआ था। पापा पांडुरंग राणे का निधन बचपन में हो गया था। मां सरकारी स्कूल में टीचर थी लेकिन उससे सिर्फ हमारा गुजारा ही चल पाता था। हम दो भाई-बहिन थे। मैं डॉक्टर बनना चाहती थी इसलिए साइंस बॉयलोजी पढ़ी। वर्ष 1989 की बात है। मेडिकल एग्जाम की तैयारी के लिए तब कोटा का नाम प्रसिद्ध था। मैं कोटा आकर कोचिंग करना चाहती थी लेकिन मां की स्थिति नहीं थी कि मुझे कोटा भेज सकें। मैंने वहीं रहकर मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी की। मेरा आयुर्वेदिक कॉलेज के लिए सलेक्शन भी हो गया लेकिन, मुझे एमबीबीएस ही करना था तो मैंने आयुर्वेदिक छोड़कर बीएससी-एमएससी किया।
सबके सपने पूरे कर रहा कोटा: माहेश्वरी
कोटा कोचिंग सपने पूरे ही करता है। विद्यार्थियों का कॅरियर बनाना माता-पिता का सपना भी होता है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है कोटा में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के विद्यार्थी पढ़ने के लिए आने लगे हैं। अभिभावकों और विद्यार्थियों के विश्वास पर कोटा खरा उतर रहा है, यह अच्छी बात है। हम सभी अभिभावकों के आभारी हैं।
– नवीन माहेश्वरी, निदेशक, एलन
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