June 4, 2023

Coronavirus: नई स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा! अब प्लाज्मा से लगेगा बीमारी की गंभीरता और मृत्यु का पता

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ब्लड प्लाज्मा में प्रोटीन पाया गया है।

Coronavirus New Study About Blood Plasma: पिछले काफी समय से भरता में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम हो गया था, लेकिन अब एक बार फिर कोरोना अपना रूप बदलकर आतंक मचाने लगा है। ऐसे में दुनिया के सभी वैज्ञानिक कोरोना वायरस को लेकर नई-नई स्टडी करते ही रहते हैं। कोरोना वायरस को लेकर अब तक बहुत सी स्टडी हो चुकी हैं और चौंकाने वाली बात ये है कि हर बार कुछ ना कुछ नया रिजल्ट ही देखने को मिलते हैं। इसी कड़ी में अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक नाया खुलासा किया है। इस नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने Covid-19 से ग्रस्त मरीजों के ब्लड प्लाज्मा में खास तरह के प्रोटीन की पहचान की है। विषेशज्ञों के मुताबिक, प्लाज्मा से अनुमान लगाया जा सकता है कि किन रोगियों को सांस लेने के लिए वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता होगी और किस व्यक्ति के संक्रमण से मरने की संभावना ज्यादा है।
क्या प्लाज्मा से बीमारी की गंभीरता का लगता है अनुमान
स्टडी के प्रमुख रिसर्चर कार्लोस क्रुचागा ने बताया की इस प्रोटीन की पहचान करना हमारे लिए मददगार साबित हो सकता है। इससे हम न केवल कोरोना वायरस संक्रमण का सामना कर सकते हैं, बल्कि भविष्य में आने वाले नए वायरस से लड़ने में भी मदद मिल सकती है। क्रुचागा ने कहा कि हम एक कोविड से संक्रमित व्यक्ति से ब्लड लेकर इन प्रोटीनों के स्तर की जांच कर सकते हैं। इससे व्यक्ति में दिखने वाले गंभीर परिणामों का अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे मरीज का सही वक्त पर सही इलाज हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि शोधकर्ताओं ने अमेरिका के सेंट लुइस में बार्न्स-जेविश अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के प्लाज्मा नमूनों को स्टडी किया और उनकी तुलना 150 लोगों के प्लाज्मा नमूनों से की जो कोविड से संक्रमित नहीं थे।
जानिए कैसे हुई प्लाज्मा में इस प्रोटीन की पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस स्टडी में प्लाज्मा में पाए गए प्रोटीन के ओवर एक्सप्रेशन और अंडर एक्प्रेशन की पहचान करने के लिए लिए हाई थ्रूपुट प्रोटिओमिक्स नाम की एक तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने उन प्रोटीनों का पता लगाने के लिए अलग से टेस्टिंग की जो गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं। हालांकि, स्टडी में बड़ी संख्या में ऐसे प्रोटीनों को पाया गया था। जिसके बाद ये निर्धारित किया गया कि 32 प्रोटीनों के होने की वजह से मरीज की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है, इसके बाद अन्य 5 प्रोटीनों की भी पहचान हुई, जो रोगी के लिए मृत्यु की संभावना बढ़ा देते हैं।
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