Thermometer: बच्चों और बड़ों में इस तरह मापें सटीक तापमान, जानें कैसे करें थर्मामीटर का इस्तेमाल

थर्मामीटर दो प्रकार के होते हैं।
How To Use Thermometer: मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण खांसी, जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं होना बहुत आम सी बात हो गई है। वहीं, देश में H3N2 वायरस और इंफ्लुएंजा यानी फ्लू के मामले बहुत तेजी से बढ़ने लगे हैं। मौसमी बीमारियों में सबसे आम बुखार होता है, कई बार इंसान बिना किसी काम के भी थकावट महसूस करने लगते हैं। सिर के साथ ही शरीर में दर्द होने लगता है, आंखों में जलन महसूस होती है। ये सभी लक्षण दिखने पर आमतौर पर इंसान या तो दवा खा लेता है या फिर थर्मामीटर से चेक करता है कि उसे असल में कितना बुखार है।
लेकिन, आज भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें थर्मामीटर से फीवर चेक करना नहीं आता है। इसकी वजह से रीडिंग गलत आती है और फिर वो उसी गलत रीडिंग के हिसाब से दवा खा लेते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि थर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं और कैसे इनका सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
2 तरह के होते हैं थर्मामीटर
बता दें कि बाजार में दो तरह के थर्मामीटर पाए जाते हैं। पहला मरकरी थर्मामीटर और दूसरा डिजिटल थर्मामीटर होता है। ज्यादातर डॉक्टर्स भी मरकरी थर्मामीटर का ही अधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं, डिजिटल थर्मामीटर की बात करें तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल घरों में होता है, क्योंकि इसका रखरखाव आसान है।
कैसे काम करता है मरकरी थर्मामीटर
बता दें कि यह थर्मामीटर बहुत पुराने समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह कांच की ट्यूब की तरह होता है, जिसमें मरकरी यानी पारा भरा हुआ होता है। कांच की ट्यूब पर बॉडी का सामान्य तापमान लिखा हुआ होता है, अगर इंसान को फीवर होता है, तो मरकरी भी तापमान के हिसाब से बढ़ने लगता है। यह थर्मामीटर एक स्ट्रॉ या पाइप के जैसा होता है। इसके अंदर सिल्वर या फिर सफेद रंग का लिक्विड भरा होता है। हालांकि, इन थर्मामीटर का चलन अब बहुत ही कम हो चुका है, क्योंकि इनके टूटने का डर हमेशा बना रहता है।
कैसे काम करता है डिजिटल थर्मामीटर
आजकल के मॉडर्न समय में लोग डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसमें बुखार की स्थिति का आसानी से सही पता लगाया जा सकता है। यह गिरने पर आसानी से टूटता भी नहीं है। बैटरी से चलने वाले इस थर्मामीटर में सेंसर और एलसीडी स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है। आपके शरीर के तापमान के अनुसार, एलसीडी स्क्रीन पर नंबर्स दिखते हैं।
जानें कैसे करें थर्मामीटर का सही इस्तेमाल
शरीर के टेंपरेचर को मापने के लिए आप चाहे मरकरी थर्मामीटर का इस्तेमाल करें या फिर डिजिटल थर्मामीटर का, आपको बस कुछ चीजें ध्यान में रखनी चाहिए।
बच्चों में कैसे नापना चाहिए टेंपरेचर
थर्मामीटर से अपने शरीर का तापमान चेक करने के लिए मुंह, कान, बगल, माथे या मलाशय में रखकर मापा जाता है। बड़े बच्चों के लिए बुखार मापने का सबसे सटीक तरीका मुंह में थर्मामीटर रखना होता है। शिशुओं या छोटे बच्चों के लिए बुखार मापने का सबसे बेहतरीन तरीका रेक्टल को माना जाता है। रेक्टल से सटीक तापमान लेने के लिए, थर्मामीटर टिप पर पेट्रोलियम जेली लगाएं, इसे लगभग आधा इंच बच्चे के मलाशय में डालें, और थर्मामीटर को तब तक पकड़ें जब तक आपको रिजल्ट न मिल जाए। इस प्रक्रिया में डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल सबसे बेहतरीन होता है।
मुंह या बगल से कैसे मापें तापमान
अगर आप 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे या बड़े इंसान का तापमान माप रहे हैं तो मुंह में थर्मामीटर रखकर सही माप लेना चाहिए। इसके लिए पीछे की तरफ जीभ के नीचे थर्मामीटर रखकर तापमान लेना सबसे सटीक माना जाता है। वहीं अगर आप कम उम्र के बच्चे का तापमान ले रहे हैं तो उसके बगल में थर्मामीटर रखकर तापमान ले सकते हैं। हालाकिं, इस प्रक्रिया के लिए सबसे पहले बच्चे के बगल को अच्छे से सुखा लेना चाहिए, इसके बाद थर्मामीटर की नोक को बगल के बीच के हिस्से में रख दें और बांह को नीचे कर दें। थर्मामीटर से साउंड आने तक का इंतजार करें।
थर्मामीटर इस्तेमाल करने से पहले किस बात का ख्याल रखें
लेंस साफ होना चाहिए
थर्मामीटर का इस्तेमाल करते समय सबसे पहले लेंस को क्लीन रखें। इस पर जमी धूल, मिट्टी या किसी भी तरह की गंदगी को साफ कपड़े से अच्छी तरह साफ करें। कई बार गंदगी जमने के कारण भी रीडिंग गलत आती है। थर्मामीटर से बुखार मापते समय स्कैनर के लेंस को अच्छे से साफ करना बिल्कुल ना भूलें।
खाना या पानी ना पिएं
गर्म हो या ठंडा, पानी पीने से शरीर के टेंपरेचर पर बहुत बुरा इफेक्ट होता है, जिसकी वजह से थर्मामीटर कई बार फीवर की गलत रीडिंग देने लगता है। ऐसे में हमेशा एक बात याद रखें कि जब भी फीवर चेक करें, 15 मिनट पहले कुछ भी गर्म या ठंडा खाने या पीने से बचें।
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