March 20, 2023

मिर्गी कोई बीमारी नहीं बल्कि एक डिसऑर्डर, जानिए इसके कारण, लक्षण और कैसे करें बचाव

wp-header-logo-285.png

आजकल मिर्गी की बीमारी बहुत आम होती जा रही है।

Epilepsy Symptom And Treatment: आजकल के समय में एपिलेप्सी एक बहुत ही गंभीर समस्या बनती जा रही है। मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान खुद को घर में बंधा हुआ महसूस करता है। ऐसे में हर साल ‘फरवरी के दूसरे सोमवार को ‘World Epilepsy Day’ मनाया जाता है। दुनियाभर के सभी देश इस दिन इस गंभीर समस्या को लेकर जागरूकता फैलाते हैं। यह बीमारी बहुत गंभीर होती है, क्योंकि मिर्गी की समस्या किसी भी समय और उम्र में ट्रिगर हो सकती है…
मिर्गी क्या है
बता दें कि मिर्गी कोई बीमारी नहीं बल्कि डिसऑर्डर है। एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, जो जेनेटिक्स के साथ और भी कई कारणों से ट्रिगर होता है। अधिकतर मामलों में मिर्गी के कारण पड़ने वाले दौरों से दिमाग पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन कभी-कभी दौरों के कारण दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। मिर्गी का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके मौजूद हैं। मिर्गी के उपचार में मेडिटेशन, सर्जरी और दवा आदि शामिल होते हैं।
मिर्गी के लक्षण क्या है
वैसे तो मिर्गी के कई कारण और लक्षण हो सकते हैं। बता दें कि मिर्गी के लक्षण इंसान की बॉडी टाइप के मुताबिक अलग भी हो सकते हैं। आइये इनमें से कुछ आम कारण आपको बताते हैं:-
– अचानक गुस्सा आना
– चक्कर आना
– एक ही जगह घूमते रहना
– ब्लैकआउट या मेमोरी लॉस होना
– कुछ समय के लिए कुछ याद नहीं रहना
– बिना किसी कारण के सुन्न पड़ जाना
– खड़े-खड़े गिर जाना
– बार-बार एक जैसा व्यवहार करना
– शरीर में झुनझुनी और सनसनी होना
– लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना
– चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में झटके आना
– अचानक से डर जाना और बात ना कर पाना।
मिर्गी की बीमारी होने के कारण क्या है
– सिर में चोट लगना
– ब्रेन ट्यूमर
– स्ट्रोक आना
– अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारी होना
– पैरालिसिस
– मेनिन्जाइटिस, एड्स या वायरल इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रामक रोग।
– प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में लगी चोट
– प्रेगनेंसी के दौरान मां को हुआ इंफेक्शन
– प्रेगनेंसी के दौरान पोषण की कमी होना।
एपिलेप्सी के ट्रिगर फैक्टर क्या हैं
अगर कोई इंसान सही लाइफस्टाइल और कुछ खास फैक्टर्स पर ध्यान नहीं दे रहा है तो ये बीमारी ट्रिगर हो सकती है…
नींद की कमी होने पर
तेज बुखार होने पर
तेज लाइट्स होने पर
स्विमिंग करने पर
एल्कोहॉल का सेवन करने से भी ट्रिगर होती है।
कैसे कर सकते हैं मिर्गी का इलाज
जैसा कि हमने आपको बताया मिर्गी कई प्रकार की होती है तो इसके प्रकार के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर सही समय पर डायग्नोज करके सही से इलाज किया जाए तो 60 से 70 प्रतिशत मरीजों में मिर्गी को कंट्रोल किया जा सकता है। मिर्गी के इलाज के लिए इसके टाइप के आधार पर दवाओं और मेडिकल थेरपीज का इस्तेमाल किया जाता है। सही समय पर सही ट्रीटमेंट लेने से रोगी इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।
Anti-epileptic Drugs
इन दवाओं का सेवन करने से मिर्गी के दौरों की संख्या कम हो जाती है और कुछ लोगों में दोबारा दौरे आने का खतरा भी खत्म हो जाता है। लेकिन ध्यान रहे इन दवाओं को आप डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
Ketogenic Diet
जिन लोगों पर दवाओं का असर नहीं होता है, डॉक्टर उन्हें हाई फैट और कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट वाले आहार लेने का सुझाव देते हैं।
Brain Surgery
दिमाग का जो हिस्सा दौरों का कारण बनता है, उसे सर्जरी के दौरान हटाया या बदल दिया जाता है।
Epilepsy Drugs
मिर्गी के सबसे शुरुआती इलाज के तौर पर डॉक्टर Anti-seizure दवाएं बताते हैं। ये दवाएं दौरों की गंभीरता को कम करने में मदद करती हैं।
© Copyrights 2023. All rights reserved.
Powered By Hocalwire

source