Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को दो हफ्ते भी नहीं बचे हैं. दीपावली पर्व के बाद अब सभी प्रत्याशी चुनावी मैदान में दम झोंकने उतर जाएंगे. एक-एक विधानसभा में अलग-अलग समीकरण के मुकाबले तय हो गए हैं. ऐसे में मेवाड़ (Mewar) की राजधानी रही चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) विधानसभा सीट पर होने जा रहा यह चुनाव कुछ खास है. इस सीट पर तीन दशक बाद कुछ अलग होने वाला है.
इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है और वह भी काटे की टक्कर का होगा. यहीं नहीं चित्तौड़गढ़ विधानसभा चुनाव ही नहीं, जिले की अन्य सीटों पर भी अलग समीकरण नजर आ रहे हैं. चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पिछले छह चुनाव में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में आमने सामने की टक्कर हो रही है, लेकिन तीन दशक बाद यहां के समीकरण बदले हैं. यहां के समीकरण बदलने के पीछे भारतीय जनता पार्टी के दो बार से विधायक चंद्रभान सिंह आक्या हैं.
चित्तौड़गढ़ जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र
चंद्रभान सिंह आक्या इस बार यहां से बागी होकर चुनाव मैदान में है. बीजेपी के नरपत सिंह राजवी और कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत के साथ ही मैदान में चंद्रभान सिंह आक्या भी हैं. ये तीनों ही क्षेत्र में कद्दावर नेता माने जाते हैं. इसलिए यहां त्रिकोणीय मुकाबला है और कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. चित्तौड़गढ़ जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें चित्तौड़गढ़, कपासन, बड़ी सादड़ी, बेगू और निंबाहेड़ा है. इसमें चित्तौड़गढ़ शहर विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला है. वहीं यहां की तीन सीटों की बात करें तो वहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर हैं.
इसमें निंबाहेड़ा विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां पूर्व और वर्तमान मंत्री आमने-सामने हैं. यहां कांग्रेस सरकार ने मंत्री उदयलाल आंजना तो बीजेपी ने उसकी सरकार में मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं बड़ीसादड़ी में बीजेपी के गौतम दक और कांग्रेस के बद्रीलाल जाट मैदान में हैं. बेगूं में बीजेपी के सुरेश धाकड़ और कांग्रेस के राजेंद्र बिधुरी मैदान में हैं. वहीं कपासन से बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी से नेताओं ने बगावत कर दी है. यहां से चार प्रत्याशी मैदान में हैं.
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