मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी: नियमन का विधेयक पारित होने तक लागू रहेगी ये गाइडलाइन
सभी कर्मचारियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, विद्यार्थियों को देनी होगी मनोचिकित्सक की सेवाएं
संदेश न्यूज। जयपुर/कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन एवं सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गाइडलाइंस-2022 को स्वीकृति दी है। इस स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एक तनावमुक्त तथा सुरक्षित माहौल मिल सकेगा।
गाइडलाइंस में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा एवं शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव एवं अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान करना शामिल है। छात्रावासों में निवास करने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केंद्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए आमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन करने और विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा के बारे में निर्देश दिए गए हैं।
विद्यार्थियों को बताने होंगे दूसरे विकल्प
गाइडलाइंस में कहा गया कि कोचिंग विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध अन्य कॅरिअर विकल्पों के बारे में बताया जाए। इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है। इन निर्देश के अंतर्गत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, कोचिंग सेंटर के सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है। कोचिंग संस्थानों की ओर से किसी भी प्रकार के मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइंस में की गई है। इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
राज्यस्तरीय निगरानी समिति गठित:
गाइडलाइन्स की पालना सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक तथा मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में जारी की ये गाइडलाइन
गहलोत ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं को गंभीर मानते हुए कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में इस गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है।
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