RajasthanCoverage.com
  • Top News
  • Health
  • Entertainment
  • Sports
  • Knowledge
  • Business
  • Horoscope
  • Jobs
  • Technology
Reading: Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में किसे और क्यों निकाला जाता है भोजन का पांच अंश, जानें
Share
Sign In
RajasthanCoverage.com
  • Top News
  • Health
  • Entertainment
  • Sports
  • Knowledge
  • Business
  • Horoscope
  • Jobs
  • Technology
  • Top News
  • Health
  • Entertainment
  • Sports
  • Knowledge
  • Business
  • Horoscope
  • Jobs
  • Technology
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
wp-header-logo-1195.png
Knowledge

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में किसे और क्यों निकाला जाता है भोजन का पांच अंश, जानें

Published September 10, 2023
Share
4 Min Read

Pitru Paksha 2023: पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद्र माह की पूर्णिमा तिथि से श्राद्धपक्ष या पितृपक्ष की शुरुआत होती है, जिसका समापन अश्विन माह के अमावस्या तिथि को होता है. इस साल 29 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो जाएगा जो 14 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा.

श्राद्ध के 16 दिनों में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर धरती में आकर हमें आशीर्वाद देते हैं. पितृ पशु, पक्षियों के माध्यम से हमारे निकट आते हैं. इसलिए इस दौरान कुछ पशु-पक्षियों को भोजन कराने का विधान है.

इन पशु-पक्षियों के लिए श्राद्ध में भोजन का अंश निकाला जाता है. भोजन का अंश निकाले बिना श्राद्ध कर्म अधूरा माना जाता है. पितरों के निमित्त निकाले जाने वाले भोजन के इस पांच अंश को पञ्चबलि कहा गया है. आइए जानते हैं पितृपक्ष में किन जीवों के लिए निकाले जाते हैं भोजन के 5 अंश.

पितृपक्ष में कैसे दी जाती हैं पञ्चबलि  

पितृपक्ष में सबसे पहले भोजन को तीन आहुति कंडा जलाकर दी जाती है. इसके बाद भोजन को अलग-अलग पांच अंशों में निकाला जाता है. गाय, कुत्ता, चींटी और देवताओं के लिए पत्ते पर भोजन निकाला जाता है और कौवे के लिए एक अंश भूमि पर रख दिया जाता है. इसके बाद प्रार्थना की जाती है कि ये आकर भोजन ग्रहण करें और इससे हमारे पितृ प्रसन्न होकर हमें अपना आशीर्वाद दें.

पितृपक्ष के पांच अंश भोजन का पंचतत्व से संबंध

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्धकर्म किए जाते हैं. इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि, पितृपक्ष में पितर पशु-पक्षियों के माध्यम से हमारे पास आते हैं. पितर गाय, कुत्ता, कौवा और चींटियों के माध्यम से भोजन ग्रहण करते हैं. इसलिए श्राद्धकर्म में पितरों के लिए आहार का अंश निकाला जाता है, तभी श्राद्ध कर्म पूरा होता है.

श्राद्ध करते समय पितरों को अर्पित करने वाले भोजन के पांच अंश गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं के लिए निकाले जाते हैं. इसमें कुत्ता को जल तत्त्व का प्रतीक माना जाता है, चींटी को अग्नि तत्व का प्रतीक, कौवा को वायु तत्व का प्रतीक, गाय को पृथ्वी तत्व का प्रतीक और देवताओं को आकाश तत्व का प्रतीक माना गया है. इस तरह से इन पांचों के लिए जब हम भोजन का अंश निकालते हैं तो हम पंचतत्वों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.

ये भी पढ़ें: Pitru Paksha 2023: 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलेगा पितृपक्ष, जानिए पिंडदान की विधि और तिथियां

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

source

You Might Also Like

क्या चंद्रयान-3 फिर से काम करेगा? अभी इन कारणों की वजह से चांद पर काम नहीं कर पा रहा

Eid-e-Milad-Un-Nabi-2023 Date: 28 या 29 कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जानें इस्लामी कैलेंडर से कैसे तय होती है तारीख

Budh Gochar 2023 : अक्टूबर के पहले दिन ही होगा ग्रहों का बड़ा बदलाव | Transit | Dharma Live

Ganesh Mantra : इन मंत्रों का जाप करने से खुश होंगे गणेश जी | Dharma Live

Vishnu Sahasranam: गुरुवार को भगवान विष्णु की कृपा पाने को करें ये इस स्तोत्र का पाठ, चमक जाएगी किस्मत

admin September 10, 2023 September 10, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Reddit Telegram Copy Link
Share
Previous Article wp-header-logo-1194.png साप्ताहिक राशिफल मेष से मीन (10 सितंबर से 16 सितंबर 2023): सितंबर माह का दूसरा सप्ताह आपके लिए रहेगा कितना खास
Next Article wp-header-logo-1196.png वैश्विक सुस्ती पर बोइंग इंडिया का बड़ा बयान, भारतीय विमानन क्षेत्र की बुनियाद मजबूत, कोई आहट नहीं

Official App for Android

Get it on Google Play
RajasthanCoverage.com
Follow US

©2019-23 Rajasthan Coverage. All rights reserved. All Rights Reserved.

  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?