Knowledge News : जानिए Google के Logo में L पीले के बजाय हरे रंग का क्यों, दिलचस्प है वजह

आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जो गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल नहीं करता होगा। छोटे से लेकर बड़े तक को इसका लोगो (logo) बहुत अच्छे से याद होगा। आपने भी कई बार अपने फोन से लेकर लैपटॉप में इसका लोगो देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी उसे गौर से देखा है। Google के लोगों में सभी अक्षर प्राइमरी कलर यानी प्राथमिक रंग के हैं, लेकिन इसका एक अक्षर सेकेंडरी कलर का है, वो अक्षर है एल (L)। अगर यकीन न हो तो आप अपने फोन में गूगल ओपन कर के देख सकते हैं।
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि प्राइमरी कलर (primary color) में लाल, पीला और नीला आता हैं, जबकि हरा, बैंगनी और नारंगी वगैरह सेकेंडरी कलर होते हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि ऐसा एक्सीडेंटल नहीं है कि गूगल के बाकी अक्षर प्राइमरी रंग के हैं और सिर्फ एल सेकेंडरी यानी हरे रंग का है। इसके लोगों में दो अक्षर नीले हैं, दो लाल हैं और एक पीला है। जबकि सिर्फ ‘L’ अक्षर हरा है, जो प्राथमिक रंग नहीं है।
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा यह दिखाने के लिए किया गया था कि Google कुछ अलग तरह से सोचता है। गूगल नियमों से स्ट्रिक्टली जुड़े रहने में विश्वास नहीं रखता। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि Google ने मूल रूप से स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अपने पहले सर्वर को लोगो ब्लॉक के साथ- नीले, लाल और पीले रंग में शो किया था।
काफी सालों पहले वायर्ड के साथ एक इंटरव्यू में ग्राफिक डिजाइनर रूथ सीडर ने कहा था कि इसमें कई अलग-अलग रंगों की पुनरावृत्ति थी। प्राथमिक रंगों के साथ खत्म होने के बाद हमने पैटर्न फॉलो करने की बजाय L पर एक सेकेंडरी रंग यानि हरा डाला। जिससे बहुत से लोगों में यह विचार भी आया कि Google नियमों का पालन नहीं करता है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि Google के लोगो का एक पुराना रूप भी था, जिसमें रंगों का क्रम कुछ अलग था। इसमें G और L हरे, O और E लाल, O पीला और नीले G का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद फिर से इसका रूप बदला और तीन अक्षरों को लाल (G, O, E), एक नीला (O), एक हरा (G) और एक पीले (L) का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद तीसरे बार फिर इसका बदलाव हुआ और Google वर्तमान रंग व्यवस्था पर कायम हो गया। अब इस लोगो के 20 साल से भी ज्यादा हो गए हैं।
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