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April 1, 2023

Anesthesia के बदले रूप ने ऑपरेशन्स को बनाया आसान, इस तकनीक से हो सकेगी पेनलेस सेफ डिलीवरी!

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एनेस्थीसिया की मदद से हो सकेगी पेनलेस डिलीवरी।

Anesthesia Role In Medical Sector: मेडिकल सेक्टर (Medical Sector) में एनेस्थीसिया (Anesthesia) बहुत जरुरी होता है। सर्जरी से पहले मरीज की बॉडी के किसी हिस्से को सुन्न करने के लिए जो दवा या फिर इंजेक्शन दिए जाते हैं, उसे एनेस्थीसिया कहते हैं। मरीज को यह दवा सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का एहसास खत्म करने के लिए दी जाती है। सर्जिकल इलाज और खासकर सिजेरियन ऑपरेशन (cesarean operation) के दौरान एनेस्थीसिया की काफी अहम भूमिका होती है। मेडिकल सेक्टर का जिस तरह विकास हो रहा है, वैसे ही एनेस्थीसिया के रूप में भी बदलाव आया है। अब मरीज को एनेस्थीसिया देने का प्रोसेस काफी आरामदायक और सेफ होता जा रहा है।
अब तक कितना बदल गया एनेस्थीसिया (Know how much anesthesia has changed)
बता दें कि 1840 में सबसे पहले अमेरिका के एक डेंटिस्ट विलियम टीजी मोर्टन ने एनेस्थीसिया का सबसे पहली बार इस्तेमाल किया था। तब से आज तक एनेस्थीसिया का रूप बहुत ज्यादा बदल गया है। पहले के समय में ऑपरेशन थिएटर के अंदर एनेस्थीसिया की जगह ईथर (ether), हैलोथेन (halothane), कोलोफॉर्म (coloform) और क्लोरप्रोकेन (chlorprocaine) का इस्तेमाल किया जाता था। ये काफी दर्दनाक प्रोसेस हुआ करती थी और इसके काफी साइड इफेक्ट भी होते थे। कभी-कभी मरीज के शरीर में सही से इन दवाओं का असर नहीं होने पर वो दर्द से कराहता था, तो कभी दवा ज्यादा होने पर मरीज की मौत के चांस बढ़ जाते थे। इतनाा ही नहीं पुरानी और ट्रेडिशनल एनेस्थीसिया प्रोसेस (Traditional Anesthesia Process) के बाद मरीज काफी समय बाद नींद से जागता था। एनेस्थीसिया के चलते पहले मौत का आंकड़ा बहुत ज्यादा था और इसी डर से लोग एनेस्थीसिया लेने से भी डरते थे।
एनेस्थीसिया देने से पहले होती हैं ये जांच (These tests are done before giving anesthesia)
मॉडर्न समय की एनेस्थीसिया प्रोसेस काफी अपडेट हुई है। बता दें कि इस सर्जरी को करने से पहले एक पूरे प्रोसेस को फॉलो किया जाता है। सर्जरी से पहले मरीज की मेडिकल हिस्ट्री (Medical History), उसका हार्ट रेट (Heart Rate), शरीर की हर गतिविधि (Body Activities) की जांच की जाती है। इससे मरीज की मे़डिकल कंडीशन जांचने के बाद इसके मुताबिक ही एनेस्थीसिया की डोज दी जाती है। इस तरीके से एनेस्थीसिया से मौत या साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of Anesthesia) का खतरा काफी कम हो जाता है। नए जमाने का एनेस्थीसिया मरीज को लंबी नींद में नहीं पहुंचाता, मरीज ऑपरेशन थिएटर के बाहर सोते हुए नहीं बल्कि मुस्कुराते हुए निकलता है।
एनेस्थीसिया से पेनलेस डिलीवरी मुमकिन (Painless delivery possible with anesthesia)
ऐसा कहा जाता है कि जब किसी महिला की नॉर्मल डिलीवरी होती है, तो उसे कई हड्डियां एक साथ टूटने जितना दर्द महसूस होता है। इस बात से अंदाजा लगाना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि डिलीवरी के वक्त एक महिला को कितने भयानक दर्द से गुजरना पड़ता है। ऐसे में एनेस्थीसिया की एक नई टेक्निक है जिसे लेबर एनाल्जेसिया (labor analgesia) कहा जाता है। इस तकनीक में स्पेसिफिक कंसंट्रेटेड ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे लेबर पेन को काफी हद तक कम हो सकता है। यहां तक कि इस ऑपरेशन में महिला मरीज जागते हुए अपनी डिलीवरी को महसूस (Tips For Painless Delivery ) कर पाती है।
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