प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका, पाकिस्तान का उदाहरण देकर कहा- कर्ज लेने की नीति से राज्य तो बर्बाद होगा ही, देश भी बर्बाद हो जाएगा

राज्यसभा में गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष को जमकर लपेटा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग आज देश में आर्थिक नीतियों को नहीं समझते हैं। जो 24 घंटे राजनीति के अलावा कुछ नहीं सोचते। सत्ता खेल खेलना यही जिनको सार्वजनिक जीवन का काम दिखता है। उन्होंने अर्थनीति को अनर्थनीति में बदल दिया है। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं और उनसे कहना चाहता हूं कि वे अपने राज्यों को समझाएं कि वे गलत रास्ते पर न जाएं।
उन्होंने श्रीलंका और पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि आज हम अपने पड़ोसी देशों का हाल देख रहे हैं। वहां क्या हुआ? बेवजह के कर्ज लेकर कैसे देश को डुबो दिया गया है। आज हमारे देश में ही तत्कालीन लाभ के लिए वे आने वाली पीढ़ियों के लिए कर्ज छोड़कर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्ज करो घी पीयो वाला खेल, जिसे राज्यों ने आज अपनाया है, उन्हें तो तबाह करेगा ही साथ ही देश को भी बर्बाद कर देंगा और देश अब कर्ज तले दबता जा रहा है। यह देश आज दुनिया में कोई भी उन्हें कर्ज देने को तैयार नहीं है। राजनीतिक वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। पार्टियों के बीच टिप्पणी हो सकती है। लेकिन देश की आर्थिक के साथ खिलवाड़ मत कीजिए। आज ऐसा कोई पाप न करें जिससे आपके बच्चों का हक छिन जाए और आप आज मौज-मस्ती करें और बच्चे बर्बादी झेलें।
मोदी ने कहा कि मैंने देखा है कि एक मुख्यमंत्री ने निर्णय किया है कि अभी मुझ पर मुसीबत कहां आएगी, 2030-32 के बाद आएगी. जो आएगा वह भुगतेगा। क्या कोई देश ऐसे चलता है? यही चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को भी अपनी आर्थिक सेहत के लिए अनुशासन का रास्ता चुनना होगा और तभी राज्य भी विकास की इस यात्रा का लाभ उठा सकेंगे और उनके राज्यों के राज्यों के नागरिकों का भला करने में हमें भी सुविधा हो जाएगी जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2047 में भारत विकसित हो जाए। यह हम सबका संकल्प है। अब देश पीछे मुड़कर देखने को तैयार नहीं है। देश लंबी छलांग लगाने को तैयार है।
भाषण के अंत में पीएम मोदी ने सीना ठोंक कर कहा कि देश देख रहा है कि एक शख्स कई लोगों पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 में ये देश विकसित भारत बने। यह हम सबका सपना है। यह 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। सीना ठोंकते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश देख रहा है कि एक शख्स कई लोगों पर भारी पड़ रहा है. नारे लगाने के लिए उन्हें एक-दूसरे की मदद लेनी पड़ रही है। इस बीच भाजपा सांसदों ने करीब एक मिनट तक मोदी-मोदी के नारे लगाए।
पीएम ने कहा कि अब देश पीछे मुड़कर देखने को तैयार नहीं है। देश लंबी छलांग लगाने को तैयार है। जिनकी दो वक्त रोटी का सपना उसको आपने एड्रेस नहीं किया। हमने एड्रेस किया है। हमने उन लोगों को एड्रेस किया जो सामाजिक न्याय चाहते थे। देश जिन अवसरों की तलाश कर रहा था। हमने उन अवसरों और स्वतंत्र भारत के सपने को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आइए उन सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ चलें।
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