कितना संक्रामक हो सकता है रूबेला वायरस? जानिए इस बीमारी के लक्षण और कैसे करें बचाव

रूबेला वायरस को वैक्सीन की मदद से रोक सकते हैं।
Rubella Virus Symptoms And Treatment: पिछले काफी समय से आपने रूबेला (Rubella) नाम के एक संक्रामक वायरस के बारे में जरूर सुना होगा। यह इतनी गंभीर बीमारी है कि यह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा के जरिए दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के शरीर तक फैल जाता है। रूबेला वायरस (Rubella Virus) को जर्मन खसरा (German Measels) भी कहते हैं, यह वायरस खसरा से बहुत अलग होता है। लेकिन फिर भी दोनों में कुछ लक्षण एक जैसे होते हैं, उदहारण के लिए लाल चकत्ते पड़ना। ज्यादातर लोगों में इस बीमारी के हल्के या ना के बराबर लक्षण दिखाई देते हैं। बता दें कि रूबेला का यह वायरस केवल इंसानों में ही फैलता है।
जानिए रूबेला वायरस के लक्षण (Rubella Virus Symptoms)
वैसे तो रूबेला बीमारी के लक्षण इस वायरस के संपर्क में आने के लगभग दो से तीन हफ्ते बाद दिखाई देना शुरू होते हैं। इसके बाद ये लक्षण 1 से 5 दिनों तक इंसान में रह सकते हैं। रूबेला वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में सबसे आम जो लक्षण देखा जाता है, वह शरीर पर दाने आना होता है। इस बीमारी में अक्सर लोगों के चेहरे पर लाल रंग के दाने निकलते हैं, इसके बाद यह दाने पूरे शरीर में फैल जाते हैं। आइए अब जानते हैं इस वायरस के अन्य लक्षण क्या है?
– 102 F या उससे कम का बुखार रहता है।
– सिर में दर्द रहता है।
– जुकाम हो जाता यही।
– आंखें लाल या आंखों में खुजली होने लगती है।
– जोड़ों में दर्द होता है। बता दें कि यह लक्षण युवा महिलाओं में अक्सर दिखता है।
रूबेला वायरस लोगों में कैसे फैलता है (How rubella virus spreads)
जैसा कि हमने आपको बताया रूबेला वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक खांसने या छींकने की वजह से फैलता है। यह नाक और गले के संक्रमित बलगम के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इसके अलावा अगर गर्भवती महिलाएं इस वायरस से संक्रमित होती हैं तो उनके होने वाले बच्चे भी इस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं। इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने वाला इंसान तकरीबन 1 हफ्ते तक संक्रमित रहता है, यानी इससे स्वस्थ लोगों में भी ये बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्भवती महिलाओं में खास कर की गर्भव्स्था के 20वें हफ्ते से पहले, रूबेला वायरस से संक्रमित होना का खतरा ज्यादा होता है। इस वायरस के कारण होने वाले बच्चे के विकास पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है और उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। जैसे कि आंखों की समस्या उदाहरण के लिए मोतियाबिंद, कानों से सुनाई कम देना, हार्ट की समस्याएं, मस्तिषक की समस्याएं आदि।
रूबेला से बचाव के लिए इंजेक्शन लगाए जाने लगे हैं:-
रूबेला इंजेक्शन के लाभ (Benefits of Rubella Injection)
रुबेला एक बहुत ही संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। इसे जर्मन मीजल्स या थ्री-डे मीजल्स भी कहा जाता है। रूबेला को वैक्सीन से रोक सकते हैं। यह बहुत सुरक्षित और प्रभावी होती है, वैक्सीन लगवा लेना मीज़ल्स से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका है। रूबेला वैक्सीन, हर बच्चे को दिया जाने वाला एक नियमित वैक्सीन है, इसे 9 महीने से लेकर 12 साल के बच्चों को लगवाना अनिवार्य है। इस इंजेक्शन को लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
रूबेला इन्जेक्शन के साइड इफेक्ट (Rubella Injection side effects)
इस वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। लेकिन डॉक्टर द्वारा बताई दवा का नियमित सेवन करने से साइड इफेक्ट अपने आप खत्म हो जाते हैं।
रूबेला वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट:-
गले में खराश
बुखार
रैश
इंजेक्शन वाली जगह पर रिएक्शन, दर्द, सूजन, लालिमा आदि।
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