पद्मावत के बाद अब इस 'महारानी' पर बनी फिल्म के रिलीज होने से पहले ही शुरू हुआ विरोध, क्षत्रिय परिषद ने लगाया इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप

पद्मावत की तरह 12 वीं सदी की महारानी राजपूत वीरांगना नाइकी देवी चंदेल के जीवन पर आधारित फिल्म 6 मई को रिलीज होने जा रही है।
पद्मावत (Padmavat) की तरह 12वीं सदी की महारानी राजपूत वीरांगना नाइकी देवी चंदेल (Nike Devi Chandel) के जीवन पर आधारित फिल्म 6 मई को रिलीज होने जा रही है। रिलीज से ही पहले फिल्म का विरोध शुरू हो गया है। क्षत्रिय परिषद ने वीरांगना नाइकी देवी के इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। दावा है कि फिल्म के ट्रेलर से ज्ञात होता है कि इसमें वीरांगना नाइकी देवी के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। उन्हें महोबा/कालिंजर के राजा परमर्दि देव चंदेल की पुत्री की जगह गोवा के कदम्ब शासक महामंडलेश्वर परमर्दि की पुत्री दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय परिषद वीरांगनाओं और अपने पूर्वजों के इतिहास के दोहन का कड़ा विरोध करते है।
क्षत्रिय परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्ध प्रताप रजावत ने कहा कि ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, 13वी सदी में आचार्य मेरुतुंगा ने प्रबंध चिंतामणि में नाइकी देवी को राजा परमर्दी की पुत्री बताया है। प्रसिद्द इतिहासकार ए.के मजूमदार (Historian A.K. Majumdar) इनकी पहचान प्रबंध चिंतामणि और बर्रा प्लेट्स शिलालेख के आधार पर महोबा/कालिंजर के महाराजा परमार्दी चंदेल (शासनकाल 1165-1203 सीई) के रूप में करते हैं। परमार्दी चंदेल(Parmardi Chandel) के उत्तराधिकारी त्रैलोक्यवर्मन के गर्रा शिलालेख (एपिग्राफिया इंडिका XVI, पृष्ठ 277), चंदेल राजपूत शहीदों को अनुदान के बारे में बात करते हैं जो इस युद्ध में सोलंकी वंश (Solanki Vansh) के साथ मोहम्मद गोरी के खिलाफ लड़े थे। हालही में कुछ आप्रासंगिक उपन्यासों से प्रेरित कुछ समूहों ने नाइकी देवी को गोवा के कदंबों से जोड़ने की कोशिश की है, जिसको ऐतिहासिक साक्ष्य मान कर उमेश शर्मा इस फिल्म में नाइकी देवी को कदम्ब की पुत्री बता रहे हैं। क्षत्रिय परिषद का दावा है कि गोवा के कदम्बों का गुजरात के राजपूत सोलंकी के साथ कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है (ए के मजूमदार, गुजरात के चालुक्य, 131) (एके श्रीवास्तव, उत्तर भारतीय हिंदू राज्यों का विघटन, पृष्ठ 33 और 38)। सोलंकी और कदंबों के बाद भी गुजरात के वाघेलों ने दक्षिण में इसी क्षेत्र के सेउना राजकुमारों से विवाह नहीं किया।
इसी के साथ 12वीं शताब्दी के अन्य साक्ष्य भी नाइकी देवी के चंदेल राजघराने से होने की तरफ इशारा करते है। राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्ध प्रताप रजावत ने कहा कि इतिहास के अनुसार, चंदेलों का महोबा/कालिंजर एक पड़ोसी राज्य, लेकिन स्वतंत्र शक्ति था। इन दोनों राज्यों की सेनाएं सोलंकी साम्राज्य की उत्तरी सीमा पर माउंट आबू की तलहटी के पास कसाहराडा में मिलीं और मोहम्मद गोरी के खिलाफ 1178 में युद्ध किया। नाइकी देवी चंदेल के नेतृत्व में शाही सोलंकी सेना को उनके सामंतों-नादुल चौहान वंश के केल्हान, जालौर चौहान वंश के कीर्तिपाल, अबू चंद्रावती परमार वंश और दुर्जन शालजी झाला द्वारा प्रबल किये जाने के साथ साथ चंदेल राज्य द्वारा भी समर्थन प्राप्त था, यह तभी मुमकिन था जब चंदेलों और सोलंकियों के बीचे आपसी संबंध स्थापित हो गए। उन्होंने कहा कि बिना ऐतिहासिक साक्ष्यों का संज्ञान लिए अगर फिल्म बनाई जाती है तो इसका पूर्ण विरोध करेंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि A Tree Entertainment Productions प्रोडूसर और निर्देशक उमेश शर्मा पर कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
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