March 23, 2023

लगातार खांसी होना सिर्फ TB का संकेत नहीं, ये नया वायरस भी हो सकता है कारण, पढ़िये ICMR की गाइडलाइंस

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देशभर में खांसी का कहर बढ़ रहा है।

Know What Is New H3N2 Variant: मौसम बदलने के साथ ही लोगों को सर्दी-जुखाम की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम इसे बदलते मौसम का प्रभाव मानकर इसकी अनदेखी कर देते हैं। अगर ध्यान भी देते हैं तो महज कफ सीरप पी लेते हैं। दवा के प्रभाव से थोड़ा आराम पड़ता है, लेकिन समस्या बनी रहती है। इस पर विचार आता है कि कहीं टीबी तो नहीं हो गई है। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि लगातार खांसी टीबी होने का संकेत देता है, लेकिन इसके पीछे अन्य कारण भी है। चूंकि हम कोरोना काल से गुजरकर आए हैं, लिहाजा यह भी डर लगता है कि कहीं लगातार खांसी किसी नई बीमारी निमंत्रण लेकर तो नहीं आया है। तो चलिए इस खबर में आपको उस वायरस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो लगातार खांसी का कारण बनता है। यह वायरस ऐसा है कि एक बार खांसी शुरू हो, तो सांस लेने तक मुश्किल हो जाती है।
खांसी नए वायरस की दस्तक लेकर आया
खांसी इतनी भयानक होती है कि खांसते-खांसते लोगों के फेफड़े हिल जाते हैं। सांस फूलने लगती है, गले में दर्द शुरू हो जाता है। कई बार तो लोग पूरी-पूरी रात खांसते रह जाते हैं। यह स्थिति चिंताजनक रूप तब ले लेती है, जब पहले जो खांसी 5 या 6 दिनों में ठीक हो जाती थी, उसे सही होने में अब 25 से 30 दिन का समय लगता है। बता दें कि यह खतरनाक खांसी सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। लेकिन, क्या आप इस खतरनाक खांसी की असली वजह जानते हैं, क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि यह खांसी इतनी खतरनाक क्यों है। अगर नहीं तो घबराने वाली बात नहीं है, आज हम आपको बताएंगे कि इस खतरनाक वायरस से आप अपने बच्चों का और अपना बचाव किस तरह कर सकते हैं।
खतरनाक खांसी से कैसे करें बच्चों का बचाव
विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह का खांसी जुखाम मौसम में परिवर्तन की वजह से शुरू हुआ है। सुबह और रात में पड़ने वाली सर्दी और बाकी वक्त में रहने वाली गर्मी ने इस तरह की मौसम बीमारियों को जन्म देना शुरू किया है। इस तरह की समस्याओं के ज्यादा मामले आमतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में ही ज्यादा देखे जाते हैं। ऐसे में बच्चों में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चे को इस तरह की खांसी की शिकायत है, तो पैरेंट्स को अपने बच्चे को स्कूल और बाहर जाकर खेलने से रोकना चाहिए, जिससे अन्य बच्चे इस तरह की खतरनाक खांसी का शिकार न हो। इसके साथ ही पैरेंट्स को बच्चों की डाइट का भी खास ख्याल रखना चाहिए। इम्युनिटी बूस्ट करने वाली चीजें देते रहें और स्वछता का खास ख्याल रखें।
इस खांसी को लेकर ICMR ने क्या कहा
बता दें कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों का कहना है कि देश में फैलने वाली इस खतरनाक खांसी के पीछे का कारण इन्फ्लुएंजा A का सब वैरिएंट H3N2 है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एच3एन2, जो पिछले दो-तीन महीनों से बहुत तेजी से फैल रहा है, वह अन्य सब वैरिएंट्स के मुकाबले लोगों को ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन रहा है। इसके साथ ही लगातार बढ़ रहे वायु प्रदुषण के कारण भी वायरल जैसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में खांसी, सर्दी और मतली के बढ़ते मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध सेवन ना करने की सलाह दी है। IMA के मुताबिक ये वायरल बुखार 5 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। ऐसे में आपको बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा को लंबे समय तक नहीं लेना चाहिए।
ICMR द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस
– हाथों को बार-बार धोएं
– भीड़ वाले इलाकों में कम जाएं
– घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें
– खांसते समय मुंह को ढक लें
– बिना हाथों धोए अपनी आंखों और मुंह को ना छुएं
– गर्म पानी पिएं और खांसी के लक्षण दिखने पर भाप लें
– गुनगुने पानी से गरारा करें
– बुखार या बदन दर्द में पैरासिटामॉल का सेवन करें
– सबसे जरुरी शुरुआती लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करें।
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