Anemia: हेल्थ बजट 2023 में एनीमिया पर रहा विशेष ध्यान, जानें बीमारी के लक्षण और बचाव

जानिए क्या है एनीमिया की बीमारी
Symptom And Treatment Of Anemia: 1 फरवरी यानी कल केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत (India) के 2023-24 के आम बजट (Budget 2023) की घोषणा की थी। इस साल के बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए कई बड़े फैसले किये थे। इन्हीं फसलों में से एक था भारत को एनीमिया मुक्त बनाना, दरअसल काफी समय से देश में ब्लड एनीमिया एक बहुत बड़ी मुसीबत बना हुआ है। मोदी सरकार 2.0 के बजट में साल 2047 तक भारत से एनीमिया को उखाड़ फेंकने की कही गई है। आपको यह जानकर हैरानी होगी एनीमिया एक ऐसी बिमारी है, जिसमें किसी व्यक्ति में रेड ब्लड सेल्स (red blood cells) की संख्या या हीमोग्लोबिन (hemoglobin) की संख्या कम हो जाती है।
जैसा कि बजट देखकर आप समझ ही गए होंगे भारत में एनीमिया का बोलबाला है, अगर इस बीमारी का समय रहते इलाज ना किया जाए तो यह समस्या इंसान की मृत्यु का कारण भी बन सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी भारत की कुल जनसंख्या की 40 प्रतिशत आबादी एनीमिया की बीमारी से ग्रस्त है। यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। बता दें कि एनीमिया से भारत की ग्रस्त 40 प्रतिशत आबादी में महिलाएं और बच्चों की संख्या ज्यादा है।
अब जानेंगे क्या है एनीमिया? (what is anemia)
एनीमिया की बीमारी को लेकर देश की जनता ज्यादा जागरूक नहीं है। अगर आसान शब्दों में समझाएं तो एनीमिया का साफ सीधा मतलब है कि शरीर में खून की कमी। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे इस बीमारी से पीड़ित है। किसी इंसान को एनीमिया तब होता है जब उसके शरीर में आयरन की कमी होने लगती है। आयरन की कमी होते ही शरीर में खून बनना कम हो जाता है। जब शरीर में खून की कमी होने लगती है तो शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती और इससे कई तरह की दूसरी गंभीर बीमारी अपना शिकार बना लेती है।
महिलाओं में एनीमिया का खतरा कब होता है (When is there a risk of anemia in women)
– जैसे ही लड़कियों को पीरियड्स शुरू होने लगते हैं, वैसे ही उनके शरीर में खून की कमी होने लगती है।
– भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार होती हैं।
अब जानिए एनीमिया के लक्षण (symptoms of anemia)
– स्किन का सफेद या पीला पड़ जाना
– जीभ, नाखूनों और आंखों के अंदर सफेद रंग दिखना, इससे आप खून की कमी का पता लगा सकते हैं।
– कमजोरी और थकावट रहने की वजह से भी एनीमिया की बीमारी हो सकती है।
– बेहोशी छाना या फिर चलते, उठते और बैठे वक्त अगर आपको अचानक चक्कर आने लगे तो यह एनीमिया की निशानी है।
– एनीमिया के मरीजों में अक्सर चलते वक्त सांस फूलने की समस्या होने लगती है, साथ ही इस बीमारी में दिल की धड़कन तेज होने लग जाती है।
– अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके चेहरे और पैरों में सूजन होने लगी है तो यह एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे करें एनीमिया से बचाव (How to prevent anemia)
इस एनीमिया की बीमारी में शरीर में रेड ब्लड सेल्स बनने बंद हो जाते हैं। जिसकी वजह से ब्लड के क्लोट (blood clots) जमने लगते हैं और हीमोफीलिया (hemophilia) होने का खतरा बढ़ जाता है।
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे कॉमन है। जिसमें शरीर में आयरन की कमी के कारण कोई व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि हमारे बोन मैरो (bone marrow) को खून बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। शरीर में अगर सही मात्रा में आयरन हो तो खून की कमी कभी नहीं होगी।
आयरन की कमी के कारण रेड ब्लड सेल्स बनने में फोलेट (folate) और विटामिन बी-12 (vitamin B-12) की जरूरत पड़ती है। इन चीजों की कमी के कारण शरीर में एनीमिया हो सकता है।
गंभीर बीमारी कैंसर, एचआईवी / एड्स, किडनी की बीमारी, क्रोहन बीमारी में पुरानी इंफ्लेमेटरी संबंधी बीमारियों को कारण भी रेड ब्लड सेल्स के बनने में दिक्कत हो जाती है। जिस वजह से इंसान एनीमिया का शिकार हो जाता है।
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